क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

International Yoga Day 2019: जानिए कहां और किसने 'नमाज' को 'योग' और 'योग' को 'नमाज' बताया?

Google Oneindia News

नई दिल्ली। 21 जून को 'विश्व योग दिवस' है, योग एक साधना का विषय है, जिसे प्रत्येक इंसान को समझना चाहिए, जब देश में योग दिवस की शुरूआत हुई थी, तो इसको लेकर काफी हो-हल्ला मचाया गया था, विरोधियों का कहना था कि योग, हिंदू धर्म को बढ़ावा देता है, हालांकि सच तो ये है कि 'योग' किसी भी खास मजहब से संबधित नहीं है बल्कि यह एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसे करने से चित्त शांत और शारीरिक लाभ होता है।

इस्लाम धर्म में 'योग' को ध्यान से जोड़ा गया है

इस्लाम धर्म में 'योग' को ध्यान से जोड़ा गया है

इस्लाम धर्म में कहा गया है कि सूफी संगीत के विकास में 'भारतीय योग' का काफी बड़ा हाथ है क्योंकि योग मन की चंचलता पर रोक लगाता है और ईश्वर के ध्यान में मदद करता है। सूफी संगीत तो ईश्वर की इबादत है और इस इबादत को बल देता है 'योग'।

यह पढ़ें: International Yoga Day 2019: पीएम मोदी के बताए ये आसन करेंगे, तो आप रहेंगे सेहतमंद, देखिए वीडियोयह पढ़ें: International Yoga Day 2019: पीएम मोदी के बताए ये आसन करेंगे, तो आप रहेंगे सेहतमंद, देखिए वीडियो

नमाज' को 'योग' और 'योग' को 'नमाज'

नमाज' को 'योग' और 'योग' को 'नमाज'

अब थोड़ा इतिहास पर गौर किया जाये तो आप पायेंगे कि मिस्र् में 'योग' को 'इस्लामी व्यायाम' करार दिया गया था और 'नमाज' को 'योग' और 'योग' को 'नमाज' बताया गया था क्योंकि 'योग' में मन -मस्तिष्क पर संयम रखा जाता है और 'नमाज' में भी यही होता है। अशरफ एफ निजामी ने 'योग' विषय पर एक किताब भी लिखी है जिसमें उन्होंने 'नमाज' और 'योग' को एक बताते हुए लिखा है कि जिस तरह से 'नमाज' पढ़ने से पहले 'वजू' की प्रथा है ठीक उसी तरह से 'योग' करने से पहले कहा जाता है कि इंसान 'शौच' करके आए, आशय दोनों का शारीरिक सफाई से ही है।

 'नियत' और 'संकल्प'

'नियत' और 'संकल्प'

'नमाज' से पहले इंसान 'नियत' करता है तो योग करने से पहले 'संकल्प' लिया जाता है। जब नमाज 'कयाम' के रूप में अता की जाती है तो वो वज्रआसन होता है। नमाज में 'ध्यान' लगाया जाता है और 'योग' में भी यही होता है। 'सजदा' करने के लिए इंसान जैसे एक्शन लेता है वो योग में 'शशंक आसन' कहा जाता है, जिससे हार्ट और बीपी कंट्रोल में रहते हैं।

जानिए ईसाई धर्म क्या कहता है योग के बारे में?

जानिए ईसाई धर्म क्या कहता है योग के बारे में?

ऐसा ही कुछ ईसाई धर्म भी कहता है, अगर आप इस धर्म को पढ़ेंगे तो आप पाएंगें, यहां योग एक तंत्र के रूप में काम करता है और तंत्र का मतलब इंसान का मानसिक रूप से काफी रिलैक्स करना होता है। तंत्र विद्या के जरिये इंसान को वास्तविकता के पास लाया जाता है और मायावी दुनिया से मुक्त किया जाता है जिसके लिए इंसान को ध्यान लगाना होता है और ये ध्यान तो योग से ही आयेगा। इसके जरिये इंसान का चित्त शांत और एकाग्र हो जाता है। वो अपनी कमजोरियों से उबर सकता है।

 योग कीजिये और स्वस्थ रहिए

योग कीजिये और स्वस्थ रहिए

रेकी, मेडिएशन यह सब योग के ही प्रकार हैं, ध्यान करने से इंसान तांत्रिक अनुयायियों पर विजय प्राप्त करता है जिसे कि कुंडलिनी योग कहा जाता है। कुल मिलाकर सार इतना ही है धर्मों में योग एक शारीरिक आसन के रूप में ही विख्यात है इसे किसी विशेष धर्मानुयायियों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, इसलिए योग कीजिये और स्वस्थ रहिए।

यह पढ़ें: International Yoga Day 2019: 21 जून को ही क्यों मनाते हैं 'योग दिवस', क्या है इस साल की थीम? यह पढ़ें: International Yoga Day 2019: 21 जून को ही क्यों मनाते हैं 'योग दिवस', क्या है इस साल की थीम?

Comments
English summary
Know how Yoga is connected to Islam. Read about the history which reveals the connection between Islam and Yoga. That means muslims could also connect themselves with yoga on International Yoga Day.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X