ओडिशा में अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन की घोषणा, उद्योगों को ट्रैक पर वापस लाने की होगी चर्चा
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को एक समिति का गठन करने की घोषणा की है। इस समिति में उद्योगों और MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम) को वर्तमान संकट के बीच कैसे ट्रैक पर लाया जाए, इस बात की चर्चा होगी। समिति का गठन इसलिए किया गया है कि ताकि विभिन्न प्रभावित उद्योगों में सुधार से लिए सुझावों पर चर्चा हो सके। ये फैसला राज्य की उच्चस्तरीय अनुमति प्राधिकरण (एचएलसीए) की बैठक में लिया गया है।
बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई थी। जो मंत्री एचएलसीए के सदस्य हैं, वही अंतर-मंत्रालयी समूह के सदस्य होंगे। इनमें वित्त मंत्री निरंजन पुजारी, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री सुशांत सिंह, इस्पात और खनन मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक, और एमएसएमई राज्य मंत्री दिव्य शंकर मिश्रा शामिल हैं। 22 वीं एचएलसीए बैठक ने राज्य में 5,250 रोजगार संभावनाओं के साथ 8,850.19 करोड़ रुपये के दो निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
बता दें ओडिशा सरकार कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। साथ ही सरकार इस बीच प्रभावित होने वाले उद्योगों पर भी पूरा ध्यान दे रही है। इससे पहले ओडिशा के हर जिले में कोविड-19 हेल्थकेयर सुविधा की घोषणा की गई है। जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी तीस जिलों में छह हजार की संयुक्त शक्ति के साथ एक कोविड-19 अस्पताल होगा। ये अस्पताल सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए पांच जिले अनुगुल, जगतसिंहपुर, नवरंगपुर, सुन्दरगड़ एवं बरगड़ जिले में कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन किया है।
इसके साथ ही राज्य में ग्राम पंचायत के सरपंच को जिला कलेक्टर जैसे अधिकार दिए जाएंगे। रविवार को सीएम नवीन पटनायक ने बताया है कि सरपंचों को उनके क्षेत्र में कलेक्टर जितने अधिकार होंगे। ये अधिकार डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत दिए जाएंगे।
Coronavirus से जंग लड़ने के लिए ओडिशा के हर जिले में होगा एक Covid19 हॉस्पिटल