खुफिया रिपोर्ट में आतंकी हमले की चेतावनी: इसलिए JK में की गई सैन्य बल की तैनाती, रोकी गई अमरनाथ यात्रा
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के बीच शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा रोकने का फैसला सरकार की ओर से लिया गया। यही नहीं शुक्रवार को जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, कश्मीर घाटी में पर्यटकों से अपील की गई कि वो घाटी छोड़कर वापस चले जाएं। अचानक लिए गए इन फैसलों के बाद अटकलों को दौर तेज हो गया, हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जम्मू-कश्मीर क्या होने वाला है? सूत्रों के मुताबिक, ये कदम इंटेलिजेंस को मिले बेहद अहम इनपुट्स के आधार पर उठाया गया है। खुफिया सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक आतंकवादी घाटी में कई आत्मघाती हमलों की फिराक में हैं। ऐसे में सरकार की ओर से यह फैसला घाटी में आतंकी खतरों की आशंका के मद्देनजर उठाया गया है।
खुफिया सूत्रों का दावा- जैश के तीन आतंकी POK में देखे गए
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ समय के दौरान सीमा पार में आतंकियों की हलचल देखी गई। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तीन आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नेजापीर सेक्टर में आतंकी लॉन्च पैड में तैनात थे, जो कि पुंछ के शाहपुर सेक्टर के भारतीय पोस्ट के सामने है। इस समूह के पास इस क्षेत्र में तैनात पाकिस्तानी एसएसजी कमांडो का सीधा सहयोग था। यही नहीं इनकी योजना बारूद, शेर, शक्ति और काईयान की फॉरवर्ड पोस्टों पर भारतीय सैनिकों के खिलाफ बैट (बॉर्डर एक्शन टीम) ऑपरेशन करने की थी।
POK में देखा गया मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में घूमते देखा गया था। उसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के संचालन की देख-रेख का काम सौंपा गया था। जैश-ए-मोहम्मद के इतने बड़े आतंकी के इस तरह से उपस्थिति के बाद बड़े आतंकी हमले की आशंका जताई गई। यही वजह है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिकों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया।
15 प्रशिक्षित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के घाटी में घुसपैठ की आशंका
पीओके में इब्राहिम अजहर के दिखाई देने की रिपोर्ट के साथ-साथ यह भी जानकारी मिली थी कि 15 प्रशिक्षित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का का एक समूह भी मार्कज, सानन बिन सलमा, तरनब फार्म, पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा में पहुंचा था। ये सभी आतंकी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा स्थित जमरूद इलाके में मौजूद 'अस्करी' प्रशिक्षण शिविर में अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जैश के शिविर में पहुंचे थे। 'अस्करी' प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षण लेने वालों को जैश ए मोहम्मद के मौलिक 'साहित्य और हथियार' के बारे बताया जाता है। खुफिया सूत्रों की मानें तो इस बात की पूरी संभावना है कि इन सभी आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए उकसाया गया है।
अमेरिकी स्नाइपर राइफल मिलने से उठे सवाल
खुफिया रिपोर्ट में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि आने वाले समय में आतंकी श्रीनगर-बारामुला-उरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों के काफिले को IED के जरिए निशाना बना सकते हैं। वहीं अमरनाथ यात्रा मार्ग के पास से पाकिस्तान में बनी बारूदी सुरंग का सामान और अमेरिकी स्नाइपर राइफल मिलने से भी सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है। यही नहीं सूत्रों के मुताबिक पीओके में जैश के तीन आतंकी ऐक्टिव थे और वह हमले के फिराक में थे। वे बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के साथ मिलकर हमला करना चाहते थे।