POK में 15 आतंकियों के साथ दिखा मसूद अजहर का भाई, अलर्ट पर सुरक्षाबल
श्रीनगर। एक बार फिर से एलओसी पर तनाव बढ़ गया है , पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में जैश सरगना मसूद अजहर के भाई इब्राहिम अजहर को देखा गया है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक इब्राहिम अजहर अपने 15 आतंकी गुर्गों के साथ मरकज, सनान बिन सलमा, तरनब फार्म, पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा के अलग-अलग आतंकी कैंपों में देखा गया, ऐसी खबर है इन सबको जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।
15 आतंकियों के साथ दिखा मसूद अजहर का भाई
भारतीय सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च ऑपरेशन के दौरान स्नाइपर राइफल मिली, जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया था, आतंकी खतरे को भांपते हुए तुरंत ये एडवाइजरी की गई थी कि अमरनाथ यात्री अमरनाथ यात्रा मार्ग में जहां कहीं भी हैं वो अपने-अपने घरों की तरफ लौटने की कोशिश करें, क्योंकि उनपर हमले की बड़ी साजिश रची जा रही है।
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अमित शाह का तीन दिन का दौरा
तो वहीं खबर है कि बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह संसद सत्र के बाद तीन दिन के कश्मीर दौरे पर जाएंगे, अमित शाह विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर कश्मीर में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होंगे, उनका दौरा तीन दिन का है और वो वहां पर बूथ इंचार्ज की बैठक को संबोधित करेंगे।
कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताई है, महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को कश्मीर से जाने को कहा गया है, कश्मीरियों को राहत देने की कोशिश नहीं की जा रही है, महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी पर निधाना साधते हुए कहा, कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?
राज्य सरकार की एडवाइजरी के बाद लोग 'टेंशन' में
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा बीच में रोकने तथा पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के निर्देश जारी करने के बाद प्रदेश में आशंका का माहौल है। पाकिस्तान की ओर से खतरे के मद्देनजर राज्य प्रशासन ने बाहरी छात्रों, पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को जल्दी बाहर जाने के लिए कहा है। सैलानियों को बाहर निकालने के लिए वायुसेना के विमान की भी मदद ली जा रही है। राज्य सरकार की एडवाइजरी के बाद लोग 'टेंशन' में हैं। हालांकि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने साफ किया है कि यह सब सुरक्षा के मकसद से उठाया गया कदम है।
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