मोहित बॉडीबिल्डर: 1 पैर से 10 बार जीता मिस्टर इंडिया का खिताब, जानिए 11 साल की उम्र में क्यों काटना पड़ा पैर?
मोहित बॉडीबिल्डर : 1 पैर से 10 बार जीता मिस्टर इंडिया का खिताब, जानिए 11 साल की उम्र में क्यों काटना पड़ा पैर?
नई दिल्ली। "मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है,पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।" ये पंक्तियां हरियाणा के सोनीपत के मोहित पर बिलकुल सटीक बैठती है। हरियाणा के लाल मोहित ने एक पैर न होने के बावजूद वो काम कर दिखाया हैं जो बिलकुल फिट लोगों को करने में सालों लग जाते हैं। मोहित का जिंदगी जीने का ये जज्बा और संघर्ष लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायी है। आइए जानते हैं मोहित की जीवन से भरी ये कहानी जिनकी तारीफ हरियाणा के मुख्यमंत्री तक कर चुके हैं।
11 साल के थे तभी इस कैंसर की वजह से कटवाना पड़ा था एक पैर
बता दें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ये ट्वीट कर सोनीपत के इस नवजवान की तारीफ की है। मोहित जब 11 साल के थे तभी वो बोन कैंसर का शिकार हो गए थे। जिसकी वजह से उनका एक पैर काटना पड़ाद्य मोहित को बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग का शौक था। बचपन में पैर कट जाने के बावजूद मोहित ने हिम्मत नहीं हारी और अपने एक पैर के दम पर बॉडी बिल्डिंग करने का फैसला करते हुए दिन रात मेहनत करना शुरु कर दी।
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पैर कटने के बाद मोहित के साथ दोबारा हुआ ये हादसा
मोहित का पैर कटने से उसके परिवार वाले जहां निराश हो गए लेकिन छोटे से बच्चे मोहित ने हिम्मन नहीं हारी। मोहित ने बॉली बिल्डिंग पर फोकस करते हुए एक के बाद एक कदम आगे बढ़ाया। मोहित 2010 में अपना एक आर्टीफिशयल पैर लगवाया लेकिन दुर्भाग्य से 2015 में वो फिसल कर गिरने के कारण कृतिम पैर भी गंवा दिया।
मोहित को लोग '"मैन ऑफ इंस्पिरेशन" कहते हैं
इसके बाद भी मोहित ने हार नहीं मानी और और एक पैर पर ही चलने की प्रैक्टिस शुरै की और कुछ ही दिनों में एक पैर पर बैंलेस बनाकर चलने लगे। इतना ही एक पैर के दम पर निरंतर एक्सरसाइज करके अपनी जबरदस्त बॉडी बनाकर बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर कई खिलाब जीते। मोहित के इंस्टाग्राम के अनुसार वो 10 बार मिस्टर इंडिया रह चुके हैं। मोहित को लोग मैन ऑफ इंस्पिरेशन कहते हैं। मोहित के जीवन जीने का फलसफा है जिंदगी का नाम कुछ अलग करने का है। मोहित का ये जज्बा जिंदगी में कभी हार न मानने की प्रेरणा देता है।
"मंजिल उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है।"सोनीपत के बेटे मोहित का हौसला समाज के लिए प्रेरणादायी है। pic.twitter.com/u7f6ytCkBj
— Manohar Lal (@mlkhattar) October 9, 2020