जब दूरदर्शन ने एडिट कर दिया था पीएम मोदी का इंटरव्यू, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
नई दिल्ली। साल 2014 के आम चुनाव के दौरान दूरदर्शन ने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया था। उस वक्त नरेंद्र मोदी विपक्ष के (यूपीए-2 की सरकार में ) प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। इस इंटरव्यू में खास बात ये नहीं थी कि दूरदर्शन ने उस शख्स का इंटरव्यू लिया है जो प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार है बल्कि इसमें खासियत ये थी कि नेशनल ब्रॉडकास्टर ने 10 साल के बैन के बाद उनका इंटरव्यू किया था। उस वक्त वह इंटरव्यू प्रसारित नहीं किया गया लेकिन कुछ दिनों बाद प्रसार भारती को इस बात का पता चला और फिर दूरदर्शन को इंटरव्यू प्रसारित करने के निर्देश दिए गए। फिर हुआ ये कि 56 मिनट के इंटरव्यू को एडिट कर 28 मिनट में किया गया और प्रसारित किया गया। तो आईए आज हम आपको उस इंटरव्यू की पूरी इनसाइड स्टोरी बताते हैं।
नरेंद्र मोदी पर दूरदर्शन ने लगा रखा था बैन
एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वो दूरदर्शन पर बैन किए जा चुके थे। उन्होंने यह भी कहा था कि वो गुजरात में दूरदर्शन को ज्यादा से ज्यादा राजस्व देने के लिए जिम्मेदार थे। लेकिन फिर भी उन्हें ब्लैक आउट कर दिया गया। जिस व्यक्ति ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता के बारे में बात की वह दूरदर्शन पर मोदी पर दस साल के प्रतिबंध के दौरान चार सालों के लिए मामलों के शीर्ष पर थे। अभियान के दौरान लोकप्रियता में वृद्धि पर विचार करने के लिए डीडी के भीतर कई लोगों ने मोदी साक्षात्कार करने की आवश्यकता महसूस की। हालांकि चुनाव गर्मी के कारण कुछ पत्रकारों ने साक्षात्कार में विस्तार से चर्चा की। अंत में डीजी से संपर्क किया गया और कहा गया कि एक साक्षात्कार किया जा सकता है।
क्या रहा इंटरव्यू में
जब इंटरव्यू के लिए नरेंद्र मोदी के ऑफिस से संपर्क किया गया तो वहां से जवाब आया कि डीडी कभी उनके इंटरव्यू को प्रसारित नहीं करेगा। खैर इसके बावजूद भी अहमदाबाद में इंटरव्यू हुआ। इंटरव्यू के फीड दिल्ली भेजे गए लेकिन उस दिन इंटरव्यू प्रसारित नहीं किया गया। इन सभी मामलों को करीब से जानने वाले सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि इंटरव्यू को प्रथम द्ष्टया देखने के बाद दूरदर्शन के अधिकारी यह निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि वो इसे प्रसारित करें या नहीं। अंत में दूरदर्शन के अधिकारियों की तरफ से यह निर्णय लिया गया कि इंटरव्यू का प्रसारण होगा लेकिन एडिट करने के बाद। एडिटिंग के दौरान कुछ लोगों को ही एडिटिंग रूम में जाने की इजाजत दी गई। बाकी लोगों को उस कमरे से बाहर रखा गया। लेकिन फिर एक बार यह निर्णय लिया गया कि इंटरव्यू का प्रसारण नहीं होगा।
क्या हुआ एडिट
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को चर्चा का विषय बनता देख फौरन इसकी लंबाई पर बात की गई। प्रसार भारती के तत्कालीन सीईओ जवाहर सिरकार को ट्वीटर पर टैग कर सवाल पूछे जाने लगे। तब यह निर्णय लिया गया कि साक्षात्कार चलाया जाएगा। दिलचस्प है कि साक्षात्कार का प्रसारण किया गया था। हालांकि शायद दूरदर्शन के इतिहास में पहली बार साक्षात्कार के लिए कोई प्रोमो नहीं था। कुछ लोगों ने साक्षात्कार के बारे में अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का निर्णय लिया जो इसके प्रचार का माध्यम बन गया।
एडिटिंग को लेकर हुआ था बवाल
इस साक्षात्कार को संपादित किया गया और 56 मिनट के इंटरव्यू को काटकर 28 मिनट पर लाया गया। जो पार्ट एडिट किए गए वो प्रियंका गांधी पर मोदी के बयान को लेकर था। उस इंटरव्यू में मोदी से प्रियंका गांधी के बारे में पूछा गया था। उस वक्त प्रियंका गांधी भी मोदी की आलोचना कर रही थीं। इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि वो प्रियंका गांधी के बारे में कुछ नहीं कहेंगे ऐसा इसलिए क्योंकि वो अपने भाई की मदद के लिए मेरे खिलाफ बोल रही हैं। इन भागों को काट दिया गया। मोदी ने उस इंटरव्यू में कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। इसलिए मैं उनका जिक्र करता हूं। मगर प्रियंका गांधी के साथ ऐसा नहीं है। मोदी ने कहा था ‘प्रियंका गांधी बेटी की तरह, उनपर नहीं करूंगा राजनीतिक हमला'। लेकिन जब रिपोर्टस ने इस संबंध में प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहा था '' ` मैं राजीव गांधी की बेटी हूं`। मेरे पिता इस देश के लिए बीस साल पहले मर गए। मैं उन्हें दुनिया में सबसे ज्यादा चाहती थी। किसी भी शख्स के साथ उनकी तुलना नहीं की जा सकती है।