Inside Story: कैसे लिया गया पुलवामा का बदला, पढ़िए एयर स्ट्राइक की उस आधी रात की कहानी
25 फरवरी की रात को ग्वालियर से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी, सभी लड़ाकू विमान लेजर गाइडेड बमों से लैश थे और फिर...
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक साल पहले हुए आतंकी हमले का वो खौफनाक मंजर, जिसमें देश के 40 बहादुर सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए, आज भी लोगों के जहन में ताजा है। उस आतंकी हमले में किसी ने अपना सुहाग खोया, किसी ने अपना बेटा, तो किसी के सर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। हमले के बाद देश में गुस्सा था और लोगों की बस एक ही मांग थी कि आतंकियों और उसके सरपरस्त पाकिस्तान को अब किसी भी कीमत पर बख्शा ना जाए।
वायुसेना ने कैसे तैयार किया आतंकियों का मौत का प्लान
और आखिरकार... 25-26 फरवरी की आधी रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक कर दी। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पीओके में घुसे और 21 मिनट तक आतंकियों के ठिकानों पर करीब 1000 किलो बम बरसाए। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकी ढेर हुए। वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के कंट्रोल रूम को भी तबाह कर दिया है। आइए जानते हैं कि अपने 40 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने कैसे तैयार किया आतंकियों का मौत का प्लान।
एयर चीफ मार्शल ने रखा घर में घुसकर मारने का प्लान
14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो पूरा देश शोक और गुस्से में भर गया। भारत की तीनों सेनाओं के जवान भी आतंकियों से बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार थे। इस आतंकी हमले के एक दिन बाद यानी 15 फरवरी को तत्कालीन एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर सरकार के सामने पीओके में घुसकर एयर स्ट्राइक करने का प्रस्ताव रखा। वायुसेना चीफ का कहना था कि पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर सबक सिखाया जाए। सरकार ने एयर चीफ मार्शल के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
हेरॉन ड्रोन से की गई निगरानी और शुरू हुआ टारगेट टेबल का काम
इसके बाद 16 से 20 फरवरी के बीच भारतीय वायुसेना और इंडिया आर्मी ने हेरॉन ड्रोन के जरिए एलओसी के आस-पास हवाई निगरानी करनी शुरू की। एलओसी की हवाई निगरानी के बाद 20 से 22 फरवरी के बीच भारतीय वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर एयर स्ट्राइक के लिए पीओके में संभावित जगहों पर टारगेट टेबल तैयार करने का काम शुरू किया। 'टारगेट टेबल' तैयार करने के बीच 21 फरवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल की ओर से एयर स्ट्राइक के लिए टारगेट विकल्प निर्धारित कर दिए गए।
एयर स्ट्राइक के लिए चुने गए मिराज स्क्वाड्रन के 12 जेट विमान
टारगेट विकल्प तय होने के बाद एयर स्ट्राइक मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के 1 स्क्वाड्रन 'टाइगर्स' और 7 स्क्वाड्रन 'बैटल एक्सिस' एक्टिवेट किए गए। इनके अलावा इस मिशन को अंजाम देने के लिए दो मिराज स्क्वाड्रन के 12 जेट विमान चुए गए। पीओके में एयर स्ट्राइक की पूरी तैयारियां हो चुकी थी। 24 फरवरी को भटिंडा से वार्निंग जेट और आगरा से मिड एयर रिफ्यूलर के साथ देश के भीतर ही एयर स्ट्राइक का एक ट्रायल किया गया। अब बस एयर स्ट्राइक का अंजाम देना बाकी था।
25-26 फरवरी की रात को शुरू हुआ मिशन
इसके बाद 25-26 फरवरी को भारतीय वायुसेना का मिशन शुरू होता है। 25 फरवरी की रात को अलग-अलग बैच के रूप में ग्वालियर से 12 मिराज 2000 विमानों ने उड़ान भरी। ये सभी विमान लेजर गाइडेड बमों से लैश थे। इनके अलावा पंजाब के भटिंडा से भारतीय वायुसेना के एक 'अर्ली वार्निंग जेट' और आगरा से मिड-एयर रिफ्यूलिंग टैंकर ने उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के हेरॉन सर्विलांस ड्रोन के जरिए एक सीक्रेट हवाई क्षेत्र को चुना गया। इसके बाद मिराज के पायलटों ने टारगेट को लेकर फाइनच चेक किया और कमांड सेंटर से उन्हें आगे बढ़ने के संकेत दे दिए गए।
रात 3:10 बजे से 3:30 के बीच बरसाए बम
कमांड सेंटर से संकेत मिलते ही मिराज विमानों ने एलओसी पर मुजफ्फराबाद के पास कम ऊंचाई की उड़ान भरी और लेजर पॉड्स का इस्तेमाल करते हुए पीओके में तय किए गए टारगेट पर बम गिराने शुरू कर दिए। इस मिशन को रात 3:10 बजे से 3:30 के बीच शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने आतंकी ठिकानों पर करीब 1000 किलो बम बरसाए। बमबारी में आतंकी ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए। मिशन पूरा होने के बाद भारतीय लड़ाकू विमान सकुशल अपनी सीमा में वापस लौट आए।
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अजीत डोवाल ने दी मिशन पूरा होने की जानकारी
इसके अगले दिन यानी 26 फरवरी की सुबह एनएसए अजीत डोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष नेतृत्व को एयर स्ट्राइक की जानकारी दे दी। भारत की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की हुकुमत और पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया है। हालांकि हमेशा की तरह पाकिस्तान ने पहले तो अपनी सीमा में आतंकी ठिकाने मौजूद होने की बात से इनकार किया, लेकिन बाद में कहा कि एयर स्ट्राइक से उनकी सीमा में कोई नकुसान नहीं हुआ। हालांकि, पाकिस्तान के झूठ की पोल उसके अपने ही लोगों ने खोल दी। बालाकोट के स्थानीय लोगों ने भारतीय वायुसेना के हमले का हाल बयां कर दिया।
बालाकोट के लोगों ने बताया, कैसा था हमला
बीबीसी के एक वीडियो से पता चला कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हमले के बाद वहां के लोग काफी खौफ में नजर आ रहे थे। रात में 3 बजे के बाद हुए इस हमले के वक्त बालाकोट के लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। हमले का हाल बयां करते हुए प्रत्यक्षदर्शी जाबा टॉप बालाकोट निवासी मोहम्मद आदिल ने बताया, 'धमाके इतने तेज थे कि जैसे कोई जलजला आ गया हो। सुबह तीन बजे का टाइम था, बहुत खौफनाक आवाज आई। ऐसा लगा जलजला आया हो। हम रातभर नहीं सोए। पांच-दस मिनट बाद हमें पता चला कि धमाका हुआ है।'
'जहां धमाके हुए थे, वहां बड़े गड्ढे हो गए'
हमले के बारे में आदिल ने आगे बताया, 'पांच धमाके एक ही समय पर हुए और कई जख्मी हो गए। फिर कुछ देर बाद आवाज आनी बंद हो गई। सुबह हम देखने उस जगह गए, जहां धमाके हुए थे, वहां बड़े गड्ढे हो गए थे। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। एक व्यक्ति जख्मी भी दिखा।' बालाकोट के एक दूसरे प्रत्यक्षदर्शी वाजिद शाह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया, 'हमें भी धमाके की आवाज सुनाई दी। ऐसा लगा, जैसे कि कोई रायफल से फायर कर रहा हो। तीन बार धमाके की आवाज सुनाई दी, फिर खामोशी छा गई।'
'एयर स्ट्राइक की खबर सुनी तो दिल को सुकून मिला'
पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किए जाने की खबर जब मीडिया में चली, तो देश के लोगों ने चैन की सांस ली। पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन भी एयर स्ट्राइक के बाद खुश नजर आए। शहीदों के परिजनों ने कहा कि आज जब उन्होंने यह खबर सुनी तो उनके दिल को सुकून पहुंचा। परिजनों ने कहा कि हम चाहते थे कि हमारी सेना और भी बड़ी कार्रवाई करे और ऐसे नापाक लोगों को धरती से खत्म करे। हम सेना को बहुत बधाई देते हैं।
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