जानिए किस वजह से मीडिया मुगल प्रणव रॉय के घर पड़ा सीबीआई का छापा
इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने FEMA उल्लंघन के मामले में एनडीटीवी के खिलाफ 2030 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था।
नई दिल्ली। सीबीआई ने मीडिया मुगल प्रणव रॉय के कई ठिकानों पर छापा मारा और उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि सीबीआई और ईडी ने ये एक्शन एक दिन में नहीं लिया है। प्रणव रॉय उनकी पत्नी राधिका रॉय और अन्य लोगों के खिलाफ जांच काफी दिनों से चल रही थी।
ED ने भी दिया था 2030 करोड़ का नोटिस
इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने FEMA उल्लंघन के मामले में एनडीटीवी के खिलाफ 2030 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था। ईडी का नोटिस प्रणव रॉय राधिका रॉय और सीनियर एग्जीक्यूटिव केवीएल नारायण राव के खिलाफ जारी किया गया था।
फंड डायवर्जन और धोखाधड़ी का आरोप
एनडीटीवी के मालिक प्रणव रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय पर फंड डायवर्जन तथा बैंक से धोखाधड़ी का आरोप है। एनडीटीवी का मामला ब्रिटेन में बनाई गई सब्सिडरी कंपनी एनएनपीएलसी को पब्लिक इश्यू से फंड जुटाने और उसे ग्रुप कंपनी को जस का तस भेजने की एफआईपीबी की अनुमति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जो अनुमति पब्लिक आफरिंग की थी उसके बजाय कंपनी ने विदेशी कर्ज, बांड्स जैसे अलग तरीके से फंड जुटाया। यह एफआईपीबी की मंजूरी की शर्त और फेमा कानून की धारा का उल्लंघन था।
फेमा के उल्लंघन का मामला
मार्च 2007 से अक्टूबर 2010 के बीच एनडीटीवी ने विदेश में 170 मिलियन डॉलर सब्सिडरी कंपनी एनएनपीएलसी से जुटाए। इसमें से कोई 725 करोड़ रुपए भारत की ग्रुप कंपनियों को ट्रांसफर हुआ। रिजर्व बैंक ने इसे फेमा की धाराओं का उल्लंघन माना है।इसके अलावा एनडीटीवी लिमिटेड की भारतीय कंपनियों में 83 करोड़ 90 लाख 9 हजार 977 व 21,972 डॉलर की रकम एनडीटीवी की मारिशस कंपनियों से एफडीआई के नाम पर आई। रिजर्व बैक ने पाया कि विदेशी सब्सिडरी से ऐसे पैसा आना गड़बड़ है। फेमा कानून की धाराओं का उल्लंघन है।मतलब कुल कोई 1113 करोड़ रु फेमा उल्लंघन से आए हुए माने जा रहे हैं। ऐसे ही एनडीटीवी लिमिटेड ने एनएनपीएलसी को जो कॉरपोरेट गारंटी दी, जो कर्ज लिया है वह बिना रिजर्व बैंक को सूचित किए लिया गया।