कंगना का दफ्तर तोड़े जाने के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पावर के बीच क्या बातचीत हुई? जानिए मीटिंग की इनसाइड बातें
नई दिल्ली। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा एक्ट्रेस कंगना रनौत के ऑफिस को गिराने के बाद उपजे विवाद ने महा विकास अघडी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इंडिया टुडे टीवी के सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में एक प्रमुख भागीदार एनसीपी चीफ शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान कहा कि कंगना रनौत की टिप्पणियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए था।
पवार की सलाह-कंगना को नजरअंदाज किया जा सकता था
कल शाम हुई मुलाकात में शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सलाह देते हुए कहा कि अगर उसे नजरअंदाज कर दिया जाता, तो यह मुद्दा किसी भी अनुपात में ना उभर पाता। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से कहा कि, कार्रवाई की जरूरत थी। ठाकरे ने साफ किया कि, महाराष्ट्र सरकार को विपक्ष व्यवस्थित रूप से निशाना बना रहा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, भाजपा सुशांत सिंह राजपूत की मौत, कोविड -19 महामारी और पालघर लिंचिग सहित विभिन्न मुद्दों पर "कंगना रनौत जैसे प्यादों" का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र की सरकार को जानबूझकर निशाना बना रही है।
Recommended Video
ठाकरे ने कहा-इस कार्रवाई की जरूरत थी
शरद पवार से उद्धव ठाकरे ने कहा है कि, सभी की छवि को जानबूझकर कलंकित किया जा रहा है। हमें अब इस पर एक्शन लेने की जरूरत है। सूत्रों ने कहा कि शरद पवार ने उद्धव ठाकरे की कार्रवाई का समर्थन किया, लेकिन यह भी कहा कि कठोर कदम नहीं उठाए जाने चाहिए थे। इस बैठक में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत भी मौजूद रहे। इस दौरान तमात मुद्दों के साथ ही कंगना रनौत मामले पर भी चर्चा हुई।
पवार ने बीएमसी की कार्रवाई पर कही ये बात
इससे पहले बुधवार को कंगना रनौत और बीएमस कार्रवाई प्रकरण पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था कि, मुझे उनके (कंगना रनौत) के ऑफिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अखबार में पढ़ा था कि यह अवैध निर्माण था। हालांकि यह मुंबई में कोई नई बात नहीं है। अगर बीएमसी कानून के तहत काम कर रही है तो यह ठीक है। पवार ने कहा कि लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
मुझे मीडिया कवरेज पर आपत्ति है:शरद पवार
इससे पहले उन्होंने कहा, 'मुझे मीडिया कवरेज पर आपत्ति है। मीडिया ने इन सारी चीजों को बढ़ा-चढ़ा दिया है। हमें ऐसी चीजों को नजरअंदाज करना चाहिए। पवार ने कहा बीएससी ने नियमों के मुताबिक ही काम किया लेकिन डिमॉलिशन ड्राइव के टाइमिंग के कारण लोगों तक गलत संदेश पहुंचा। मुंबई में अवैध निर्माण करना कोई नई चीज नहीं है, लेकिन इसपर चल रहे विवाद के बीच में ही एक्शन लेने से सवाल पैदा हो रहे हैं। लेकिन बीएमसी के पास अपने कारण हैं, अपने नियम हैं और उन्होंने उसके हिसाब से कार्रवाई की है।
प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकते फीस, दिल्ली सरकार ने दिखाई सख्ती