'इंशा अल्लाह' शांति बहाल होगी, हिंसाग्रस्त इलाके में बोले NSA अजित डोवाल
नई दिल्ली- उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल की पैनी नजर है। वो मंगलवार रात से वहां की हालात पर पल-पल नजर रख रहे हैं और दंगाग्रस्त इलाकों में पैदल घूमकर और हर समुदाय के लोगों से बातचीत करके परिस्थतियों का आंकलन कर रहे हैं। इस दौरान एनएसए को स्थानीय लोगों से कई तरह के सवालों का भी सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उन्होंने सबको यह समझाने की कोशिश की है कि सबकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है और उसमें कोई कोताही नहीं होगी। उन्होंने असमाजिक तत्वों को दूर रखने में लोगों की भूमिका की भी जमकर सराहना की और उनसे जल्द से जल्द हालात सामान्य करने में मदद भी मांगी। इस दौरान उन्होंने उपद्रवग्रस्त लोगों को ये भी भरोसा दिया कि 'इंशा अल्लाह' शांति बहाल होगी।
'इंशा अल्लाह' शांति बहाल होगी- अजित डोवाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने मंगलवार रात और बुधवार दिन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात का खुद जायजा लिया। इस दौरान वो हिंसा के ग्राउंड जीरो माने जाने वाले जाफराबाद इलाके में भी पहुंचे। उन्होंने सीलमपुर और मौजपुर इलाकों की तंग गलियों में भी परिस्थितियों का जायजा लिया और लोगों से अपील की कि जो हो गया सो हो गया, धार्मिक सद्भाव हर हाल में कायम रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर लोगों में विश्वास की भावना बहाल करने पहुंचे डोवाल ने दंगाइयों के नापाक मंसूबे पर पानी फेरने के लिए लोगों की तारीफ की और कहा कि कुछ असमाजिक तत्व अमन में खलल डालना चाहते थे, लेकिन लोगों ने उन्हें अलग-थलग कर दिया। इस मौके पर डोवाल ने लोगों को भरोसा दिलाया कि 'हालात कंट्रोल में है और लोग संतुष्ट हैं। पहले घटनाएं हुईं, लेकिन आज शांति है। स्थानीय लोग शांति चाहते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि शांति होगी।' उन्होंने कहा 'इंशा अल्लाह' यहां पर बिल्कुल अमन होगा। हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के हुक्म की तामील करने यहां आए हैं। जो कुछ हो गया वह हो गया। इंतजामिया की जिम्मेदारी है कि हर एक को महफूज रखे।'
जब बुर्का वाली लड़की को डोवाल ने दिया भरोसा
इलाके के लोगों ने एनएसए डोवाल और स्पेशल पुलिस कमिश्रर एसएन श्रीवास्तव के जाने के बाद बताया है कि उन्होंने बुधवार को उनसे बातचीत के दौरान कहा क्या था। ये अधिकारी अलग-अलग समुदायओं के लोगों से मिले, उनके घरों का दरवाजा खटखटाया और उनसे बातचीत की। उन्होंने हालात को और बेहतर बनाने के लिए उनसे मदद की अपील भी की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के फौरन बाद ही वो घाटी के इलाकों में इसी तरह स्थानीय लोगों के साथ घुलत-मिलते देखे गए थे और उनके साथ सड़क पर ही खाना भी खाया था। हालांकि, बुधवार को मुलाकात के दौरान उन्हें विभिन्न तरह के सवालों का भी सामना करना पड़ा। मसलन, जाफराबाद में बुर्का पहनी एक स्टूडेंट उनके पास आई और कहने लगी, 'सर, हम लोग लगातार दहशत में रह रहे हैं। हम कॉलेज जाने की स्थिति में नहीं हैं। हमारे भाई हमारी रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं।' उसने ये भी बताया कि दुकानें जलाई जा रही हैं, गरीबों का नुकसान हो रहा है। इसपर डोवाल ने उसे भरोसा दिलाया कि वो दूसरों से भी कह चुके हैं कि डरने की जरूरत नहीं है। यह सरकार और पुलिस दोनों की जिम्मेदारी है। हालांकि, इस दौरान वह लड़की आरोप लगा रही थी कि हम सुरक्षित नहीं हैं और दिल्ली पुलिस अपना काम नहीं कर रही है।
दिल्ली में फिलहाल हिंसा पर काबू
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में रविवार से ही माहौल बिगड़ना शुरू हो गया था और सोमवार और मंगलवार को हिंसा की कई बड़ी घटनाएं सामने आई थीं। आखिरकार मंगलवार रात को कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े उसके बाद हालात धीरे-धीरे शांत होना शुरू हुआ। बुधवार सुबह को गोकुलपुरी इलाके में कबाड़ की एक दुकान में आग लगाए जाने की घटना के अलावा कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की इस हिंसा में अबतक 34 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है और दो सौ से ज्यादा अभी जख्मी बताए जा रहे हैं।
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