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आईएनएस विक्रमाद‍ित्य ने दिलाई प्रमोद महाजन की याद, पढ़ें और भी तथ्य

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नई दिल्ली। आइएनएस विक्रांत पर आज नरेंद्र मोदी ने समुद्र मंथन किया और नौसेना को मजबूती देते हुए यह युद्धपोत देश के हवाले कर दिया। हकीकत की ख‍िड़की में झांकें तो हम बड़ा दिलचस्प इतिहास पाएंगे। उस दौर में एनडीए सरकार जाने वाली थी। मई में चुनाव होने थे। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री प्रमोद महाजन की सलाह पर चुनाव समय से थोड़ा पहले करवा लिये गये थे।

आचार संहिता लागू होती इसके पहले ही 20 जनवरी 2004 को भारत सरकार ने रुस से एक समझौता पर हस्ताक्षर कर लिया। भारत ने रुस एडमिरल गोर्शकोव को 1.8 अरब डॉलर में खरीदने का फैसला कर लिया था। चार साल के अंदर 2008 में रुस को एडमिरल गोर्शकोव को नयी साज सज्जा और मरम्मत के बाद भारत को सौंप देना था। आज यही गोर्शकोव को भारत में INS व‍िक्रमाद‍ित्य नाम दिया। आइए जानें क्यों है यह इतना खास-

सर्वशक्त‍िमान

सर्वशक्त‍िमान

आईएनएस विक्रमादित्य की लंबाई 284 मीटर और इसकी चौड़ाई 60 मीटर है, जिसमें तीन फुटबॉल मैदान समा सकते हैं। 20 मंजिल ऊंचे इस पोत में 22 डेक हैं।रूस से खरीदा गया 44,500 टन वजनी आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना से जुड़ा नया विमान सैन्य शक्ति का सबसे शक्तिशाली प्रतीक है।

पूरा शहर है विक्रमाद‍ित्य

पूरा शहर है विक्रमाद‍ित्य

20 मंजिला यह युद्धपोत एक तैरते शहर जैसा है। पोत पर 1600 कर्मचारी तैनात हैं।

एक लाख अंडे और बीस हजार लीटर दूध

एक लाख अंडे और बीस हजार लीटर दूध

एक लाख अंडे और बीस हजार लीटर दूध हर महीने-
- इस विशाल युद्धपोत में रह रहे कर्मचारियों पर हर महीने कम से कम एक लाख अंडे, 20,000 लीटर दूध और 16 टन चावल की खपत होती है। इसके अलावा भी बहुत सारे खर्च हैं।

30 विमान ढक सकता है

30 विमान ढक सकता है

यह जहाज समुद्र में 30 विमानों को ढो सकने में सक्षम है। यह खूबी युद्ध के दौरान बेहद कारगर साबित हो सकती है।

विक्रमाद‍ित्य की गोद में रहेंगे खतरनाक विमान

विक्रमाद‍ित्य की गोद में रहेंगे खतरनाक विमान

मिग 29के, सी हैरियर्स, समुद्र में गश्त करने वाले लंबी दूरी के विमान पी8 आई और टीयू 142एम, आईएल 38 एसडी, डॉर्नियर्स, कैमोव और सी किंग हेलिकॉप्टर हेलीकॉप्टर विक्रमाद‍ित्य के बाड़े में ही रहेंगे।

15 हजार करोड़ रुपये की लागत

15 हजार करोड़ रुपये की लागत

15 हजार करोड़ रुपये की लागत और 45 हजार टन विस्थापन क्षमता वाले इस पोत का नाम प्रसिद्ध सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखा है।

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English summary
INS Vikramaditya has it's own unique feature and unheared story behind
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