'CJI पर आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ जांच प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जस्टिस एसए बोबडे को नियुक्त किया गया है। दूसरी तरफ, राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ सहायक ने कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला के खिलाफ आतंरिक जांच की प्रक्रियाओं में अनियमितताओं का आरोप लगाया है और इसे न्यायिक प्रक्रिया के उल्लंघन का मामला बताया है।
'महिला को बचाव का मौका नहीं दिया गया'
लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि उस महिला के खिलाफ जांच जिसने शिकायत की थी कि सीजेआई रंजन गोगोई ने उसका यौन उत्पीड़न किया और जिस प्रकार अनियमितताओं के साथ उसकी बर्खास्तगी हुई, इसमें सामान्य न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ सहायक लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि शिकायतकर्ता का बचाव करने के उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया गया और महिला को खुद का बचाव करने का मौका तक नहीं दिया गया। जिस दिन वह अपना सबूत पेश करने वाली थी, वह बीमार पड़ गई, उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जांच आगे बढ़ गई और अगले 24 घंटों में प्रतिकूल रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया।
ये भी पढ़ें: टिकट कटा तो केंद्रीय मंत्री ने दिया बड़ा बयान, कहा- भाजपा ने आज गौ हत्या कर दी
महिला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था
CJI गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की विस्तार से शिकायत करते हुए, महिला ने जांच अधिकारी (IO) द्वारा उल्लेखित दो बातों का हवाला दिया, जिसके कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया। पहला, सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी से बात कर सीट बदलने को कहना और दूसरी बात कि ड्यूटी से एक दिन गैरहाजिर रहना क्योंकि महिला को अपनी बेटी के स्कूल में एक प्रदर्शनी में भाग लेना था। महिला की सेवाएं 21 दिसंबर, 2018 को समाप्त कर दी गई थीं।
'डिफेंस असिस्टेंट लाने की अनुमति नहीं दी गई'
महिला की शिकायत के मुताबिक, सीजेआई गोगोई द्वारा कथित यौन उत्पीड़न 10 और 11 अक्टूबर, 2018 को उनके दफ्तर में हुआ था। हलफनामे में महिला ने नेगी का एक पत्र भी अटैच किया जिसमें पूछताछ के दौरान डिफेंस असिस्टेंट के रूप में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मांगी गई थी। नेगी ने संदेह जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के उस अधिकारी, जिनसे पीड़िता से कथित तौर पर अपनी सीट बदलने के लिए संपर्क किया था, की कभी जांच नहीं की गई।
जांच के दौरान उस महिला की मदद करना चाहता था- नेगी
लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि महिला का पति उनके कॉलेज का दोस्त रहा है और वे जांच के दौरान उस महिला की मदद करना चाहते थे। नेगी ने कहा कि उस वक्त वे यौन उत्पीड़न के आरोपों से अनजान थे। इस प्रकार के मामलों में सरकारी अफसर, वकील या रिटायर्ड अफसर डिफेंस असिस्टेंट हो सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य से जांच अधिकारी ने इसकी अनुमति नहीं दी। महिला को बताया गया था कि वह सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को अपने बचाव के लिए चुन सकती है।
'जांच के दौरान न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया'
उन्होंने कहा, 'आंतरिक जांच के दौरान पहले पूछा जाता है कि क्या वह अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी को बुलाना चाहती है। जांच अधिकारी मेरी योग्यता और क्षमता के बारे में पता कर सकते थे। नेगी ने कहा, 'मेरी राय में उन्होंने न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया जिसमें महिला को अपने बचाव के लिए अधिकारी चुनने की अनुमति हो।' नेगी ने कहा कि महिला का प्रतिनिधित्व करने के उनके अनुरोध को खारिज करने का औपचारिक जवाब भी जांच अधिकारी की तरफ से नहीं आया।