निर्दोष भारतीय पति-पत्नी को सगी आंटी ने ही कतर में फंसाया, हनीमून पैकेज के नाम पर किया ये धोखा
नई दिल्ली। नारकोटिक्स विभाग की एक टीम कतर के दोहा जेल में 10 साल की सजा काट रहे निर्दोष भारतीय जोड़े को वापस लाने की जुगत में लग गई है। मुंबई के रहने वाले शरीक कुरेशी और उनकी पत्नि ओनिबा कुरेशी के साथ जो हुआ उसे सुन कोई भी भावुक हो जाएगा। इस जोड़े के साथ उन्हीं की सगी आंटी ने ही धोखा किया और कतर में ड्रग डिलीवरी केस में फंसा दिया। साल 2019 में यह कपल हनीमून पैकेज पर आया था जहां कस्टम चेकिंग में उनके बैग से ड्रग्स का पैकेट निकला। इसके बाद से ही शरीक और ओनिबा कतर की जेल में अपने नवजात बच्चे के साथ सजा काट रहे हैं।
2018 में हुई थी शरीक कुरेशी और ओनिबा की शादी
इस कहानी की शुरुआत साल 2018 से शुरू होती है जब मुंबई में शरीक कुरेशी ने ओनिबा कुरेशी से शादी की। इस शादी से दोनों परिवार खुश थे। हालांकि घर और नौकरी में व्यस्त होने के कारण यह कपल कहीं हनीमून के लिए नहीं जा पाया। इसी दौरान शरीक और ओनिबा से मिलने उनकी एक आंटी तबस्सुम आती है जिन्होंने दोनों को हनीमून पैकेज गिफ्ट करने पर जोर दिया। हालांकि शरीक ने अपनी आंटी को कई बार मना किया लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही।
बिना पूछे बुक किया हनीमून पैकेज
इस बात को लगभग कई महीने बीत गए लेकिन शरीक की आंटी ने उन्हें हनीमून पर भेजने की बात जारी रखी। इस बीच साल 2019 में आंटी ने शादीशुदा जोड़े से पूछे बिना कतर में दोहा के लिए उनका हनीमून पैकेज बुक कर दिया। शरीक के बार-बार मना करने पर आंटी ने कहा कि अब टिकट, होटल सब बुक हो चुका है। अगर नहीं गए तो पैसे बर्बाद हो जाएंगे। आंटी की इस बात पर मासूम जोड़ा मान गया। कहानी में ट्विस्ट तब आया जब आंटी ने कतर के लिए मुंबई से प्लेन न बुक करके बैंगलोर से किया।
सगी आंटी ने रचा सारा खेल
बैंगलोर पहुंचने के बाद शरीक और ओनिबा को एक होटल में रखा गया, इस बीच तबस्सुम ने शरीक को एक बैग दिया जिसे उसे कतर ले जाने को कहा गया। शरीक के पूछने पर कि बैग में क्या है, तबस्सुम ने बताया कि अंदर माणिकचंद का जर्दा है जो कतर में नहीं मिलता। इस बैग को उसे एक रिश्तेदार को देना है। हालांकि शरीक को बैग ले जाने में संदेह हो रहा था लेकिन तबस्सुम सगी आंटी थीं इसलिए शरीक ने उसकी बातों पर भरोसा कर लिया।
6 जुलाई को कतर के लिए रवाना हुआ था कपल
शरीक और ओनिबा 6 जुलाई 2019 को कतर के लिए रवाना हुए। जब यह जोड़ा कतर के दोहा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा तो वहां कस्टम विभाग ने उनके सामान की चेकिंग की। शरीक और ओनिबा के बैग तो बिना किसी परेशानी के कस्टम से क्लियर हो गए लेकिन आंटी के दिए बैग को अधिकरियों ने रोक लिया। जब उस बैग की तलाशी ली गई तो उसमे से 4 किलो चरस निकली। इसे देखकर न सिर्फ अधिकरी बल्कि शरीक और ओनिबा भी चौंक गए। उन्हें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था।
आंटी के दिए बैग में थी ये खतरनाक चीज
दोनों ने कस्टम अधिकारियों और दोहा पुलिस से कहा कि वह बेगुनाह हैं, उन्हें चरस के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। दोनों के खिलाफ मामला दर्द कर जेल भेज दिया गया। इधर, मुंबई में अपने बच्चों की काफी दिन खबर न मिलने पर उनके घर वाले परेशान हो गए। जब वह शरीक और ओनिबा के बारे में पता लगाने आंटी तबस्सुम के पास पहुंचे तो उन्हें पता चला की वह एक ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा है और उसी के बिछाए जाल में उनके बच्चे फंस गए हैं।
जेल मे ही जन्मा शरीक और ओनिबा बच्चा
शरीक और ओनिबा के परिजनों ने इसकी मुंबई पुलिस में शिकायत की लेकिन उन्हें कुछ खास मदद नहीं मिली। इसके बाद परिवार ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से मामले की जांच की अपील की। इस बीच परिवार को शरीक का फोन भी मिला जिसे वह अपने घर पर छोड़कर गया था। फोन में उसके और तबस्सुम के बीच हुई सारी बातें रिकॉर्ड थी। इसमें शरीक को बार-बार उस बैग के अंदर की चीज के बारे में पूछते सुना गया। परिजनों ने यह सबूत एनसीबी को दिया जिसके बाद एजेंसी भी हरकत में आई।
शरीक और ओनिबा को भारत वापस लाने में जुटी एनसीबी
उधर, कतर में शरीक और ओनिबा को कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें ड्रग डिलीवरी का दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 10 साल करावास की सजा सुना दी। कोई सबूत न होने के चलते कपल अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाया। इससे भी दर्दनाक बात यह है कि जिस दौरान ओनिबा कतर गईं वह तीन महीने की गर्भवती थीं। उन्होंने जेल में ही अपने बच्चे को जन्म दिया। इधर, भारत में एनसीबी की टीम ने तबस्सुम और उसके गैंग के साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब डिपार्टमेंट की कोशिश है कि निर्दोष कपल को भारत वापस कैसे लाया जाए। इसके लिए टीम विदेश मंत्रालय समेत तमाम कानूनी मदद ले रही है।
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