उत्तर प्रदेश में खेती ज्यादा है तो बिजली भी ज्यादा पैदा हो सकती है
उत्तर प्रदेश में जितनी खेती है उतनी खेती शायद ही किसी प्रदेश में होती हो। ये भले ही हो सकता है कि उत्पादन ज्यादा हो लेकिन खेत तो उत्तर प्रदेश में कम नहीं। ऐसे ही छत्तीसगढ़ में भी खेती का प्रयोेग कर ही बिजली पैदा की जा रही है ताकि आम जनों और खासतौर से किसानों को बेहतर बिजली आपूर्ति हो सके। ये बिजली गाय की भूसी से छत्तीसगढ़ सरकार बनाती है। सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर गाय की भूसी से बिजली....
छत्तीसगढ़ के बालौदाबाजार जिले के सिमगा विकासखंड के समीप ग्राम हरिनभट्टा में स्थित बायोमॉस आधारित विद्युत उत्पादन इकाई मेसर्स नीरज पॉवर से 7.5 क्षमता मेगावॉट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें से 80 प्रतिशत विद्युत धान की भूसी से उत्पादित की जा रही है, जिससे विद्युत उत्पादन के लिए कोयले की आवश्यकता बहुत ही कम हुई है। इस प्रकार के संयंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा कार्य किया जा रहा है।
बायोमॉस आधारित विद्युत इकाई धान की भूसी से संचालित किए जाने के कारण निकटतम गांवों के किसानों की धान की भूसी को लगभग दो हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से इकाई द्वारा खरीदी जा रही है। इकाई द्वारा उत्पादित की गई ऊर्जा को छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इकाई में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं।