इंफोसिस समेत ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के कोरोना वैक्सीन का उठाएंगी खर्च
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस टीकाकरण के दूसरे चरण की 1 मार्च से शुरुआत हो गई। इसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी, साथ ही 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को भी कोरोना टीकाकरण होगा। देश में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की कोरोना वैक्सीन का खर्च उठा रही थी। इसी बीच आईटी क्षेत्र की दिग्गज इन्फोसिस और सॉफ्टवेयर कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर अपने कर्मचारियों और उनके परिवार को लोगों के कोविड वैक्सीन का पूरा खर्च उठाएगी।
कंपनी के सीओओ प्रवीण राव ने कहा, कंपनी अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को कोविड-19 टीका लगाने के लिए हेल्थोकेयर प्रोवाइडर्स के साथ पार्टनरशिप करने की संभावना तलाश रही है। वह अपने कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों को फ्री में कोरोना का टीका लगवाएगी और वैक्सीन पर आने वाले खर्च का वहन कंपनी करेगी।
वहीं सॉफ्टवेयर कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर की इंडिया चेयरपर्सन रेखा मेनन ने भी कहा है कि कंपनी अपने कर्मचारियों और उनके आश्रितों के कोविड-19 टीकाकरण का पूरा खर्च वहन करेगी। भारत में कंपनी के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसके अलावा महिंद्रा ग्रुप और आईटीसी ने भी कहा था कि वह अपने कर्मचारियों केके कोविड-19 टीकाकरण का पूरा खर्च वहन करेगी।
कोरोना वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में फ्री है, वहीं निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की कीमत 250 रुपये रखी गई है। इसमें 150 रुपये वैक्सीन की कीमत और 100 रुपये एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज है। भारत में दो वैक्सीन को प्रारंभिक अनुमति मिली है। इसमें पहली है भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और दूसरी है सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड। कोविशील्ड को आक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित किया गया है। ये दोनों वैक्सीन 250 रुपये में उपलब्ध है।
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