हैदराबाद: चार दिन की बच्ची को जिंदा दफना रहे थे दादा-दादी, पुलिस ने बचाई जान
हैदराबाद। तेलंगाना के हैदराबाद में पुलिस ने एक चार दिन की बच्ची की जान बचा ली है, जिसे तीन लोग कथित तौर पर जिंदा दफना रहे थे। इनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल है। इन सबसे फिलहाल पूछताछ की जा रही है। घटना यहां के सिकंदराबाद की बताई जा रही है। इस बच्ची को जुबली बस स्टेशन के पीछे एकांत जगह पर दफानाया जा रहा था, तभी एक रिक्शा चालक ने सब देख लिया। जिसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी।
इस मामले में वेस्ट मैरेडपल्ली पुलिस इंस्पेक्टर ए श्रीनिवासलु का कहना है, 'हमारे कॉन्सटेबल एस वेंकट रामकृष्ण एक अन्य अधिकारी के साथ घटनास्थल पर गए। वहां एक व्यक्ति खुदाई कर रहा था, साथ में एक बुजुर्ग भी था, जिसने हाथ में बच्ची को पकड़ा हुआ था। थोड़ी दूरी पर एक बुजुर्ग महिला खड़ी थी। जब उन्होंने खुदाई कर रहे व्यक्ति से पूछा तो उसने कहा कि नवजात की मौत हो गई है, इसलिए उसे दफना रहे हैं।' जब कॉन्सटेबल ने थोड़ा पास जाकर देखा तो पता चला कि बच्ची तो हिल रही है।
अधिकारी ने आगे बताया कि तुरंत तीनों को हिरासत में ले लिया गया और बच्ची को गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां वह आईसीयू में है। जांच में पता चला है कि बुजुर्ग महिला और व्यक्ति बच्ची के दादा-दादी हैं। वहीं खुदाई करने वाला शख्स गांव का ही रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि बच्ची के माता-पिता गांव में दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं और ये इनकी पहली संतान है। बच्ची की मां ने उसे 28 अक्टूबर को जन्म दिया था, जिसके बाद से वो बीमार है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पूछताछ में बच्ची के दादा ने कहा है कि बच्ची के गुप्तांग में कमी थी, जिसके चलते उसे अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया। दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्ची का ऑपरेशन करना पड़ेगा और ऑपरेशन की डेट मिलने के बाद आएं। तभी अस्पताल से ऑटो में इस बस स्टेशन पर आते वक्त बच्ची के दादा को लगा कि वह हिलडुल नहीं रही है, तो शायद इसकी मौत हो गई है।
आरोपी दादा ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने खुद की बच्ची को दफनाने का सोचा, क्योंकि अगर उसकी मां को पता चलेगा तो वो बेहोश हो जाएगी। इंस्टपेक्टर का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है, हालांकि अभी तक किसी के भी खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। मामले की जांच अब भी जारी है।