क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां जब चाहें कर सकेंगी छंटनी, लोकसभा में आया नया बिल

Google Oneindia News

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र जारी है, जो एक अक्टूबर तक चलेगा। इस सत्र में मोदी सरकार औद्योगिक और कृषि क्षेत्र से जुड़े कुछ जरूरी बिल लेकर आई, जिस पर दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। इसी में एक बिल है औद्योगिक संबंध संहिता-2020, जिसको लेकर अभी भी बहस जारी है। विपक्षी पार्टियां लगातार इसे कर्मचारियों का विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग कर रही हैं।

Recommended Video

Loksabha में बिल पेश: अब ये कंपनियां बिना सरकारी मंजूरी कर सकेंगी छंटनी | वनइंडिया हिंदी
क्या है इस बिल में?

क्या है इस बिल में?

केंद्रीय श्रममंत्री संतोष गंगवार ने शनिवार को लोकसभा में औद्योगिक संबंध संहिता-2020 विधेयक (Industrial Relations Code Bill 2020) पेश किया। जिसमें उद्योगों और प्राइवेट कंपनियों को लेकर तमाम प्रावधान हैं। जिस बात पर सबसे ज्यादा हंगामा मचा है, वो ये है कि अब 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां बिना सरकार की मंजूरी के जब मन तब छंटनी कर सकती हैं। दूसरी शब्दों में कहें तो Hire और Fire के लिए कंपनियों को किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।

पहले क्या थे नियम?

पहले क्या थे नियम?

अब तक छोटी कंपनियों को छंटनी की छूट थी। नियम के तहत 100 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां बिना सरकार की मंजूरी के कर्मचारियों को रख सकती हैं और उन्हें जब मन चाहे निकाल सकती हैं। अब 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां छंटनी के लिए फ्री हैं। सरकार का तर्क है कि राजस्थान में इस तरह का प्रावधान पहले से ही था। जिससे वहां पर रोजगार बढ़ा और छंटनी के मामलों में भी कमी आई। ऐसे में इस बिल से भी देश में रोजगार बढ़ेगा।

174 सिफारिशें हुई मंजूर

174 सिफारिशें हुई मंजूर

श्रम मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बिल को ऐतिहासिक बता रहे हैं। उनके मुताबिक 6000 हितधारकों से चर्चा के बाद नए नियमों को तैयार किया गया है। इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया था, जिसमें से 233 सिफारिशों में से उन्होंने 174 पर मुहर लगा दी। छंटनी वाले नियम के लिए सरकार ने इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 में धारा 77(1) जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा मालिकों को कंपनियों को बंद करने की भी छूट रहेगी।

2019 में ही बन गया था प्लान

2019 में ही बन गया था प्लान

लोकसभा में पेश इस बिल को सरकार ने 2019 में ही लाने का प्लान बनाया था, लेकिन उस दौरान कई कंपनियों और कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया था। जिस वजह से ये संसद में पेश नहीं हो सका था। अब कुछ बदलाव के साथ सरकार ने इसे लोकसभा में पेश किया है, हालांकि विपक्षी दल अभी भी इसका विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक इस बिल से कंपनी मालिकों को फायदा होगा, जबकि कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ेगी।

लोकसभा में टैक्सेशन ऐंड अदर लॉज (रिलेक्सेशन ऐंड अमेंडमेंट) बिल 2020 पासलोकसभा में टैक्सेशन ऐंड अदर लॉज (रिलेक्सेशन ऐंड अमेंडमेंट) बिल 2020 पास

Comments
English summary
Industrial Relations Bill: Private organization now hire and fire without government permission
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X