शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अपराध बताने वाले कानून को पारित नहीं करेगा ये देश
जकार्ता। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने शुक्रवार को उस कानून को पारित करने से इंकार कर दिया जिसमें समलैंगिक सेक्स और शादी से पहले यौन संबंधों को गैरकानूनी घोषित किया जाना था। विडोडो ने कहा कि इसे अपराध बनाने वाले कानून की समीक्षा की जरूरत है। उन्होंने संसद से कहा कि बिना समीक्षा के इसे पारित ना कराया जाए। इस बिल का ड्राफ्ट 24 सितंबर को संसद के सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक नए प्रावधान में समलैंगिक संबंधों को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
इस कानून से दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश के लाखों लोगों पर प्रभावित कर सकता है। जिनमें समलैंगिक जोड़े शामिल हैं। इस कानून के तहत विवाहेत्तर संबंध बनाने या अफेयर करने पर जेल का प्रावधान किया गया है। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में पर्याप्त संख्या में हिंदु, बौद्ध और क्रिस्चियन अल्पसंख्यक हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि यह देश रूढ़ीवादी इस्लामिक एक्टिविज्म की तरफ कदम बढ़ा रहा है।
शुक्रवार को, जकार्ता में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास ने इस विधेयक को देखते हुए अपने नागरिकों के लिए एक ट्रैवल एडइवाजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि यह विधेयक अविवाहित विदेशी पर्यटकों को परेशानी में डाल सकता है। हाल ही में फिर से चुने गए विडोडो ने एक टेलीविज़न प्रेस वार्ता में कहा कि, 'विभिन्न समूहों की आपत्तियों को सुनने के बाद, मैंने फैसला किया है कि इसमें से कुछ को और विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि न्याय मंत्री से कहा गया है कि वह मेरी राय से संसद को अवगत कराएं और कानून को मौजूद सत्र में पारित नहीं किया जाना चाहिए। इंडोनेशिया में उपनिवेश काल से चल रहे कानून की जगह नए कानून को लाने पर दशकों से चर्चा हो रही है और 2018 में उसे पारित किया जाना था। हालांकि, नए कानून के प्रावधान पर आपत्ति के कारण वह पारित नहीं हो पाया। सांसदों से नए कानून से विवादित आर्टिकल्स हटाने का निवेदन करते हुए मानवाधिकार समूहों से जुड़े लोगों ने नए ड्राफ्ट कोड न सिर्फ महिलाओं, धार्मिक और अन्य अल्पसंखयकों के लिए विनाशकारी बताया था।
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