अमेरिका ने दिया भारत को भरोसा अब नहीं हो सकेगा एक और 26/11!
नई दिल्ली। भारत ने जब वर्ष 2008 में 26/11 का हमला झेला था तो उस दौरान न भारत के साथ ही साथ अमेरिका को भी पाकिस्तान से आए आतंकियों ने खासे दर्द दिए थे। दोनों ही देश अभी तक उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। अपने तीन दिन के भारत दौरे के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत को भरोसा दिलाया है कि अमेरिका तटीय सुरक्षा के मुद्दे पर भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। आपको बता दें कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत दौरे पर इस बात को पुरजोर तरीके से कहा है कि किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
तटीय सुरक्षा रहा बातचीत का विषय
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बीच जब मुलाकात हुई तो उनके बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। कई अहम बिंदुओं के बीच ही भारत और अमेरिका के बीच मैरीटाइम सिक्योरिटी यानी तटीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी काफी गंभीर चर्चा हुई है।
भारत और अमेरिका दोनों ही देशों ने इस बात को महसूस किया है कि अब समय आ गया है जब दोनों देशों को इस मुद्दे पर एक दूसरे की मदद ज्यादा से ज्यादा करनी होगी। दोनों ही देशों ने इस बात पर जोर दिया है कि तटीय सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा क्योंकि यह न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका के लिए काफी अहम है।
क्यों जरूरी है तटीय सुरक्षा
- भारतीय महाद्वीप से दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति का कारीब पांचवें हिस्से की आपूर्ति की जाती है।
- ऐसे में भारत के लिए यह काफी अहम मुद्दा है।
- भारतीय महाद्वीप की सुरक्षा को सुनिश्चित करना काफी अहम है।
- इसकी सुरक्षा न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका के लिए भी खासी अहम है।
- तटीय सीमाओं के दूसरी ओर से होने वाली आतंकी गतिविधियां अमेरिका के लिए भी चिंता का विषय हैं।
- समुद्री डाकुओं की ओर से बढ़ता खतरा भी अमेरिका और भारत के लिए चिंता की बात है।
- भारत का मानना है कि यह वह क्षेत्र है जो भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।
- भारत पहले ही अदन की खाड़ी में समुद्री डाकुओं से निबटने के लिए अमेरिका के साथ काम कर रहा है।
तैयार हुआ फ्रेमवर्क
- भारत और अमेरिका दोनों ने ही आतंकियों और समुद्री डाकुओं से निबटने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है।
- दोनों ही देश इस मुद्दे पर एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
- इसके अलावा किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय भी दोनों देश राहत कार्यों में हिस्सा लेंगे।
- न सिर्फ आतंकियों बल्कि दोनों देश ड्रग्स स्मगलिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी सामना करेंगे।
- हाल ही में आई इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक समंदर के रास्ते हथियारों की तस्करी में इजाफा हुआ है।
- दोनों देश फ्रेमवर्क तहत नियमित तौर पर उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे जो तटीय सुरक्षा के लिए खतरनाक होंगे।
- दोनों देशों के अधिकारी भी तटीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए आपस में मिलते रहेंगे।
- आपस में इंटेलीजेंस, सर्च ऑपरेशन, टेक्निकल तौर पर सहायता देना और कुछ और बातों को आपस में साझा करेंगे।