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भारत-चीन तनाव: चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की सेना को मिली खुली छूट

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नई दिल्ली- भारतीय सेना को चीन के किसी भी आक्रामक तेवर से सख्ती से निपटने की खुली छूट मिल गई है। अब भारतीय सेना के जवान वास्तविक नियंत्रिण रेखा पर चीन की ओर से की गई किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई को पूरी आजादी के साथ माकूल जवाब दे सकेंगी। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रविवार को दिल्ली में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी सेना नायकों को सरकार का इस भावना से स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया गया है और वह सीमा की रक्षा के लिए हर तरह के कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कि गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों में चार दशकों के बाद बहुत ज्यादा तनाव का माहौल बन गया है।

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चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की सेना को मिली खुली छूट

चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की सेना को मिली खुली छूट

चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रमक रवैये का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना को मोदी सरकार ने पूरी आजादी दे दी है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को लेकर सुरक्षा बलों के आला सेना नायकों के साथ हुई बैठक के बाद दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया शामिल हुए थे। सूत्रों ने कहा है कि राजनाथ सिंह ने सभी सेना नायकों से कहा है कि वह थल,जल और आकाश, चीन से लगने वाली सारी सीमाओं पर उसकी हरकतों पर पैनी नजर रखें और अगर उसकी सेना की ओर से कोई उकसावे वाली कार्रवाई की जाती है तो उसे सख्ती से निपटा जाए।

पूर्वी लद्दाख में 6 हफ्तों से है तनाव

पूर्वी लद्दाख में 6 हफ्तों से है तनाव

बता दें कि पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में भारतीय और चीनी सेना के बीच कई जगहों पर पिछले 6 हफ्तों से तनाव बरकरार है। लेकिन, इस तनाव के बीच 15 जून की रात गलवान वैली में चीनी पीएलए के जवानों के हमले में जिस तरह 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और करीब 76 जख्मी हो गए, उसके बाद से वहां पर हालात लगातार विस्फोटक बने हुए हैं। चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने ये तो माना है कि उसके सैनिक भी इस खूनी झड़प में शहीद हुए हैं, लेकिन चीन ने अभी तक यह नहीं बताया कि उसके कितने जवान इस घटना में मारे गए हैं। चीन इस तथ्य को लगाता दबाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। लेकिन, कई स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना में जवाब कार्रवाई में भारतीय जवानों ने उसके दो टॉप कमांडिंग अफसरों समेत 40 से ज्यादा जवानों को मार गिराया था।

पीएम मोदी बार-बार दे चुके हैं सख्त रवैए के संकेत

पीएम मोदी बार-बार दे चुके हैं सख्त रवैए के संकेत

बता दें कि उस घटना के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि भारत खुद से शांति भंग करने की कोशिश नहीं करेगा, लेकिन उकसावे वाली किसी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने से भी पीछे नहीं हटेगा। पीएम मोदी ने लगातार जिस तरह से इस मामले में भारत के सख्त रवैए का एहसास दिलाया है, उसके बाद चीन ने पीएम मोदी के उन बयानों को भी अपने पॉकेट मीडिया से गायब करवा दिया है। पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि उनकी सरकार ने भारत माता की रक्षा के लिए सेनाओं को पूरी आजादी दे रखी है और रक्षा मंत्री के साथ सेना नायकों की बैठक से जो खबर निकलकर आई है, वह उसी बात की पुष्टि करता है। उस बैठक में यह भी कहा गया कि सेना और एयरफोर्स एलएसी के आसपास चीन की किसी भी हरकत से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को पहले से ही बढ़ा रहे हैं।

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English summary
Indo-China tension: Indian army allowed to deal strictly with Chinese aggression
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