कैसे आएगे अच्छे दिन जब अंधेरे में डूब जाएगें 5 राज्य?
नयी दिल्ली। देश में एनडीए सरकार की सरकार आते ही देश में अच्छे दिन आने की बजाए बुरे दिन आने के आसार दिखने लगे है। अगर ऐसा ही रहा तो जल्द ही देश के बुरे दिन आने तय है। जी हां जल्द ही देश के पांच राज्यों में बुरे दिन दस्तक दे सकते हैं। आने वाले दिनों में देश को बिजली संकट के दौर से गुजरना होगा। कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि बिजली के लिहाज से बुरे दिन बन सकते हैं। कोयले की कमी और कुछ राज्यों में बिजली दरों को लेकर चल रहे विवाद के चलते देश के कुछ राज्यों की बत्ती गुल हो सकती है।
आधिकारिक आंकड़ें के अनुसार बिजली की कम आपूर्ति की वजह से देश के पांच राज्यों में अंधेरा छा सकता है। तेजी से खत्म हो रहे कोयले के कारण उत्तरी क्षेत्र में पांच हजार मेगावाट बिजली की कमी है। अगर जल्द से कमी पूरी नहीं की गई तो महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात राज्यों में भारी बिजली की कमी हो सकती है।
आपको बता दें कि इनमें से चार राज्य गुजरात के मुंद्रा स्थित अडाणी पावर और टाटा पावर प्लांट से बिजली ले रहे हैं। इनमें से अडाणी पावर ने बकाया पैसों को लेकर हरियाणा को बिजली देना बंद कर दिया है। जबकि पंजाब में केवल दो-तीन दिन का कोयला बचा है और वह बिजली खरीदने का मन बना रहा है।
अगर जल्द ही ये समस्या हल नहीं की गई तो इन राज्यों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो सकती है। हालांकि गुजरात के पास बिजली के कुछ वैकल्पिक स्त्रोत हैं। लेकिन राज्य कह चुका है कि कोयले की लंबी कमी आपूर्ति पर असर डालेगी। इस मामले में केन्द्रीय ऊर्जा और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि मानसून में कमी के चलते जल संयत्रों से कम बिजली उत्पादन और पर्याप्त कोयले की अनुपब्लधता से बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा।
पिछले सप्ताह जारी आकड़ों के अनुसार देश के आधे तापीय संयंत्रों के पास एक सप्ताह से भी कम का कोयला बचा है। 2012 के दौरान हुए ब्लैकआउट के बाद यह सबसे कम है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 9 राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है।