भारतीयों को मिलेगा 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' का फायदा, जानें पूरी प्रक्रिया
ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम का लाभ अमेरिका के 53 एयरपोर्ट और 15 पूर्व निर्धारित जगहों पर मिलेगा।
नई दिल्ली। अमेरिका ने भारतीय पैंसेजरों के लिए ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम शुरू कर दिया है। इस प्रोग्राम के शुरू होने से भारतीय लोगों को अमेरिका जाने में कोई परेशानी नहीं होगी।भारत 11वां ऐसा देश बन गया है जहां के नागरिक कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन में नामांकन के लिए योग्य हैं। जो लोग ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम के सदस्य हैं उन्हें अमेरिका में लैंड करने पर कतार में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। इस कार्यक्रम के सदस्य बने भारतीय नागरिकों में अमेरिका के चुनिंदा एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन क्लियरेंस से जुड़े अधिकारी से मिलने के लिए लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। वे ऑटोमेटिक ग्लोबल एंट्री क्यिोसक के जरिए अमेरिका में प्रवेश कर सकेंगे।
ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम का लाभ अमेरिका के 53 एयरपोर्ट और 15 पूर्व निर्धारित जगहों पर मिलेगा। इस प्रोग्राम का लाभ अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड होल्डर्स को भी मिलेगा।जिन चुनिंदा हवाईअड्डों पर यह सेवा उपलब्ध होगी, वहां नामांकित सदस्य ग्लोबल एंट्री बूथ की ओर बढ़ेंगे। वहां उन्हें मशीन द्वारा पढ़ा जा सकने वाला पासपोर्ट या फिर US का स्थायी आवास कार्ड सामने रखकर फिंगरप्रिंट स्कैनर पर अपने हाथ की अंगुलियों के निशान की जांच करवानी होगी। साथ ही, उन्हें कस्टम्स विभाग को अपने सामान का ब्योरा भी देना होगा। इसके बाद वह बूथ यात्री को एक रसीद देगा और उसे उसके सामान की ओर भेजकर बाहर निकल जाने की अनुमति देगा।
इस सुविधा को पाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना न सीबीपी की वेबसाइट के अनुसार इसके लिये यात्रियों को सीबीपी से मंजूरी लेनी होगी। सभी आवेदनकर्ताओं को इसमें नाम दर्ज कराने के लिये जांच प्रक्रिया और साक्षात्कार से गुजरना होगा। ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम की सदस्यता लेने के लिए यात्री को पांच साल के लिए 100 डॉलर फीस के तौर पर देना होगा जो की नॉन रिफंडेबल होगा।
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