इराक से भारत पहुंचे 38 लोगों के अवशेष, पंजाब सरकार पीड़ित परिवारों को देगी 5 लाख, वीके सिंह ने दिया नौकरी का भरोसा
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नई दिल्ली। इराक के मोसुल में ISIS के हाथों मारे गए 38 भारतीयों के अवशेष विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की अगुवाई में आज भारत पहुच चुके हैं। भारत पहुंचते ही वीके सिंह और पंजाब के स्थानीय सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नई दिल्ली ने संयुक्त बैठक की। प्रेस कांफ्रेस में वीके सिंह मारे गए लोगों परिवार वालों को नौकरी देने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि क्वालिफिकेशन के अनुसार, राज्य और केंद्र सरकार आपस में सलाह लेकर नौकरियां देगी। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू कहा कि उनकी सरकार हर परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी।
वीके सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को इंडियन एयरफोर्स के प्लेन से बगदाद से भारत लाया गया। प्रेस कांफ्रेंस में वीके सिंह ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा भारत सरकार की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी गई। जिस दिन मुझे बोला गया उसके अगले दिन ही मैं इराक के लिए निकल गया था। मुझे वहां सरकार से मिलने और स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेने के लिए सात दिन लगे। हमने इससे पहले हर कोशिश की थी, इराक के रेडियो पर भी एनाउंस करवाकर कहा था कि अगर भारतीय कहीं आपको दिखे तो संपर्क करें। वीके सिंह ने कहा कि उनका डीएनए बहुत मुश्किल से मैच हुआ था।
इराक की राजधानी बगदाद से लाए गए 38 पार्थिव शरीर में से 27 पंजाब से हैं, जिन्हें अमृतसर एयरपोर्ट पर उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। 39 में से 27 मृतक पंजाब के थे, चार हिमाचल प्रदेश से, दो पश्चिम बंगाल से और छह बिहार के रहने वाले थे। एक का डीएनए मैच नहीं हुआ है। पंजाब सरकार की ओर से स्थानीय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को एयरपोर्ट पर इन अवशेषों को लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 20 मार्च को सुषमा ने राज्यसभा को जानकारी दी थी कि इराक के मोसुल से जून 2014 से गायब 39 भारतीयों की आईएसआईएस ने हत्या कर दी है। इन 39 भारतीयों की कब्र बदूश की पहाड़ी पर मिली थी।