गजब का फाइटर जेट है राफेल, ट्रेनिंग के बाद प्लेन उड़ाने में एक्सपर्ट हुए भारतीय पायलट: फ्रांस के राजदूत लिनैन
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच की दोस्ती से पाकिस्तान और चीन की परेशानी बढ़ गई है। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत को राफेल की पहली खेप देकर फ्रांस ने अपना वादा पूरा किया है। इस मामले पर और अधिक जानकारी देते हुए भारत में फ्रांस के राजदूत इमैन्यूएल लिनैन ने कहा कि, लड़ाकू विमान राफेल बहुत ही अत्याधुनिक हैं, राफेल को उड़ाने और इस्तेमाल करने के लिए भारतीय तकनीशियनों और पायलटों ने फ्रांस में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इमैन्यूएल लिनैन ने बताया कि भारतीय पायलट अब पूरी तरह से इन लड़ाकू विमानों का उपयोग करने में सक्षम हैं।
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बता दें कि फ्रांस ने राफेल के साथ भारत को कोरोना संकट के दौर में महामारी से निपटने के लिए वेंटिलेटर के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य उपकरण भी भेजे हैं। मंगलवार को फ्रांस के राजदूत इमैन्यूएल लिनैन ने इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के महासचिव आरके जैन को मेडिकल उपकरणों की खेप सौंपी। महामारी से निपटने के लिए फ्रांस ने 50 ओरिरिस-3 वेंटिलेटर, 70 यूवेल 830 वेटिंलेटर समेत कई मेडिकल सामान दान किए हैं।
Planes are outstanding, Indian technicians and pilots marvellously completed their training in France. They are totally capable to use these planes at their best: Emmanuel Lenain, French Ambassador to India on #Rafale fighter jets arriving tomorrow pic.twitter.com/uEEq3J4h2N
— ANI (@ANI) July 28, 2020
29
जुलाई
को
अंबाला
एयरफोर्स
स्टेशन
पहुंचेगी
पांच
जेट
बता
दें
कि
फ्रांस
से
खरीदे
गए
राफेल
विमानों
की
पहली
29
जुलाई
को
अंबाला
एयरफोर्स
स्टेशन
लैंड
करेगी।
इसके
बाद
20
अगस्त
को
औपचारिक
रूप
से
राफेल
भारतीय
वायुसेना
में
शामिल
हो
जाएगा।
वायुसेना
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
एयरक्रू
और
ग्राउंड
क्रू
ने
विमान
पर
व्यापक
प्रशिक्षण
प्राप्त
किया
है।
राफेल
के
आने
के
बाद
प्रयास
जल्द
से
जल्द
इसे
ऑपरेशन
में
शामिल
किया
जाएगा।
फ्रांस
से
भारत
ने
36
राफेल
जेट
खरीदे
हैं।भारत
ने
सितंबर,
2016
में
फ्रांस
के
साथ
36
राफेल
लड़ाकू
विमानों
की
डील
की
थी।
यह
डील
तकरीबन
59
हजार
करोड़
रुपये
की
थी।
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