पानी में ज्यादा देर तक रुक सकेंगी भारतीय पनडुब्बियां
नई
दिल्ली।
भारतीय
वैज्ञानिकों
ने
एक
ऐसी
तकनीक
का
इजाद
किया
है,
जिससे
पारंपरिक
गैर
परमाणु
पनडुब्बियां
ऑक्सीजन
आपूर्ति
की
भरपाई
से
पहले
दो
हफ्तों
तक
पानी
के
भीतर
रह
सकेंगी।
इससे
उनके
रडार
से
बच
निकलने
की
क्षमता
भी
बढ़ेगी।
स्वतंत्र हवा प्रेरक शक्ति प्रणाली (एआईपी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, "आमतौर पर पारंपरिक पनडुब्बियों को ऑक्सीजन आपूर्ति की भरपाई के लिए हर तीन से चार दिन में सतह पर आना होता है।"
अधिकारी ने बताया, "एआईपी के साथ पारंपरिक पनडुब्बी दो हफ्तों तक पानी के भीतर रह सकती है।" उन्होंने बताया कि भारत पहला ऐसा गैर पश्चिमी देश है जिसने इस तकनीक को विकसित किया है।
यह प्रणाली अपने विकास के दूसरे दौर में है, इसे फ्रांस के सहयोग से भारत में बनने वाली छह स्कोर्पियन पनडुब्बियों में से आखिरी दो में लगाया जाएगा। एआईपी प्रणाली युक्त इन पनडुब्बियों के कुछ सालों में पूरा होने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा, "हमने इस परियोजना को 2010 में शुरू किया था, काम उन्नत चरण में है। परीक्षण चल रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।