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Indian Railways:यात्रीगण ध्यान दें! रात 10 बजे से ट्रेनों में ये नियम लागू हैं, आगे से ध्यान रखिए

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नई दिल्ली, 8 मई: रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई सारे नियम बना रखे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में हम अपनी उन सुविधाओं के बारे में जानने से अनजान रह जाते हैं। ऐसे ही कुछ नियम रात के समय ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों और रेलवे के कर्मचारियों को लेकर भी बने हुए हैं। आपने भी देखा होगा कि कई बार अज्ञानता के कारण यात्रियों के बीच विवाद की स्थिति भी पैदा हो जाती है और कई बार अनजाने में पैसेंजर रेलवे के स्टाफ से भी बहस करने लग जाते हैं। अगर हम रात के समय के लिए लागू होने वाले इन नियमों से वाकिफ रहेंगे तो न ही ऐसी परिस्थितियां पैदा होंगी और ना ही हमें या हमारी वजह से किसी दूसरे यात्री को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

कोच के दरवाजों को लेकर नियम

कोच के दरवाजों को लेकर नियम

हम सब कभी ना कभी ट्रेनों में सफर करते हैं या कर चुके हैं। लेकिन, हम में से बहुत से लोगों को रेल यात्रा के दौरान लागू होने वाले कई नियमों के बारे में आमतौर पर जानकारी नहीं रहती। लेकिन, कुछ नियम ऐसे हैं, जिनकी जानकारी अपने लिए और सहयात्रियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया होगा कि रात के समय जब पैसेंजर नींद में होते हैं तो कोच के दरवाजों को बंद रखने की जिम्मेदारी किसकी होती है। सेकंड क्लास स्लीपर कोच में यह जिम्मेदारी उस कोच की ड्यूटी में तैनात ट्रैवलिंग टिकट एक्जामनर (टीटीई) की है। टीटीई को सुनिश्चित करना है कि जब ट्रेन चल रही हो तब दरवाजे बंद रहें और जब भी यात्रियों को गाड़ी से उतरना हो या किसी उचित टिकट वाले यात्री को गाड़ी में बोर्डिंग करनी है तो दरवाजा खुला हो। यह टीटीई ही सुनिश्चित करता है कि रात के 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति संबंधित कोच में दाखिल न होने पाए। वहीं एसी कोच में रेल प्रशासन के निर्देशानुसार अनाधिकृत्व व्यक्ति के कोच में दाखिल होने से रोकने की जिम्मेदारी कोच अटेंडेंड (उसकी मुख्य जिम्मेदारियों- एसी का संचालन, फायर, बेड रोल आदि के साथ ही) को भी दी गई है, जो इस काम में रेलकर्मियों की मदद करेगा और साथ ही जरूरत पड़ने पर यात्रियों को यथोचित सहायता पहुंचाएगा।

रात में टिकट चेक करने को लेकर नियम

रात में टिकट चेक करने को लेकर नियम

10 बजे रात से सुबह 6 बजे तक टिकट चेक करने के लिए टीटीई सामान्य परिस्थितियों में नहीं जगा सकते। यह ड्यूटी वे सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही कर सकते हैं। रेलवे ने टीटीई से कहा है कि जिन यात्रियों का टिकट एक बार पहले चेक किया जा चुका है, उन्हें बिना कारण दोबारा टिकट चेक करवाने के लिए कहना सही नहीं है। टीटीई सिर्फ उन्हीं यात्रियों का टिकट रात 10 बजे के बाद चेक कर सकता है, जो ट्रेन इस समय के बाद रवाना हुई हो या फिर यात्री इस समय के बाद कोच में सवार हुआ हो। या फिर औचक निरीक्षण के दौरान या अनाधिकृत यात्रियों को कोच से निकालने के लिए भी रात के समय टिकट चेक किया जा सकता है। रेलवे को यह शिकायतें मिली थीं कि रात के समय टिकट के लिए जगाने से यात्रियों को दिक्कतें होती है। कुछ मामलों में महिला यात्रियों ने भी इसकी शिकायतें की थीं।

रात के समय ट्रेनों में सोने को लेकर नियम

रात के समय ट्रेनों में सोने को लेकर नियम

एसी या सेकंड क्लास स्लीपर कोच में एक समस्या मिडिल बर्थ और साइड बर्थ को लेकर देखी गई है। कई बार मिडिल बर्थ के यात्री दिन में बर्थ खोलकर सो जाते हैं। इसकी वजह से लोअर बर्थ और अपर बर्थ के यात्रियों को निचली बर्थ पर बैठने में दिक्कत होती है। इसी तरह से अगर लोअर बर्थ के लोग देर रात तक अपनी सीट पर बैठे रहना चाहते हैं, तो मिडिल बर्थ वालों को अपनी सीट पर आराम करने में दिक्कत होती है। साइड बर्थ में भी यह समस्या दिन के समय देखने को मिलती है। अगर इसमें साइड अपर और साइड लोअर बर्थ के यात्रियों ने सीट उठा रखी हो तो आरएसी वाले यात्रियों को दिक्कत हो सकती है। क्योंकि, दिन के समय ऐसी स्थिति में सीट का खुला होना जरूरी है, जिससे कि तीन यात्री उसपर बैठ सकें। लेकिन, रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक के लिए यह व्यवस्था है कि मिडिल बर्थ लगाया जा सकता है, जिसपर उस बर्थ का पैसेंजर सो सकता है। इसी तरह से अपर बर्थ और मिडिल बर्थ का पैसेंजर सिर्फ सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक ही लोअर बर्थ पर बैठने का अधिकारी है। वैसे यह यात्रियों से रेलवे आग्रह करता है कि दिव्यांग यात्रियों, गर्भवती महिलाओं या बुजुर्गों को इस नियम में थोड़ी रियायत देने की कोशिश करें।

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मोबाइल फोन पर बात करने और म्यूजिक सुनने के नियम

मोबाइल फोन पर बात करने और म्यूजिक सुनने के नियम

रात 10 बजे के बाद किसी भी रेल यात्री को ट्रेनों में मोबाइल फोन पर न तो ऊंची आवाज में बात करने और ना ही तेज आवाज में गाना सुनने की इजाजत है। नाइट लाइट के अलावा बाकी लाइट भी बंद रखे जाएंगे। इतना ही नहीं अगर यात्री ग्रुप में सफर कर रहे हैं, तो उन्हें भी इस तरह से रात 10 बजे से सुबह 6 बचे तक गप्पें मारने की मनाही है, जिससे कि दूसरे पैसेंजरों को परेशानी होने लगे। सहयात्रियों की शिकायत पर ऐसे यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। यह नियम रेल कर्मचारियों के लिए भी कि वह इस तरह का कोई कार्य रात के समय ना करें, जिससे यात्रियों की नींद में दिक्कत आए।

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English summary
Rules for passengers and railway employees traveling at night in Indian Railways. You will get all the information about opening the middle berth, checking tickets and closing the doors
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