Indian Railways:बिहार चुनाव से पहले ऐसे बढ़ी ट्रेनों की रफ्तार, यात्रियों का इतना बच रहा है समय
नई दिल्ली- बिहार चुनावों की घोषणा से होने से पहले राज्य से होकर गुजरने वाली रेलवे की दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन को अपग्रेड कर दिया गया है। इस अपग्रेडेशन के बाद अब बिहार में मेन लाइन से होकर गुजरने वाली रेल गाड़ियां 130 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल पा रही हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए रेलवे हमेशा से ही बहुत अहम मुद्दा रहा है। अब जो मेन रेलवे लाइन में सुधार की गई है उसका मकसद ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर उनको समय का पाबंद करना है। क्योंकि, बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां पूरे साल रेलवे की सीटों की भारी डिमांड रहती है और ट्रेनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
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पिछले कुछ महीनों में भारतीय रेलवे ने मेन लाइन में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) से लेकर बिहार के जमुई जिले में स्थित झाझा जंक्शन तक के ट्रैक को अपग्रेड करने का काम तेजी से पूरी कर लिया है। 393 किलोमीटर के इस रूट पर बिहार की राजधानी पटना भी है; और यह देश के अतिव्यस्त रेल मार्गों में से एक है। वर्षों से इस लाइन पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर निर्धारित थी। सच्चाई तो यह है कि हर साल नई ट्रेनों के संचालन की वजह से उनकी औसत स्पीड खासकर भीड़ वाले सीजन में और भी अधिक घटती ही जा रही थी। लेकिन, अब रेल अधिकारियों ने कहा है कि आने वाले वक्त में यह सब बदलने जा रहा है।
मेन लाइन की रेलवे ट्रैक में सुधार का फायदा ये हुआ है कि अभी से कई ट्रेनों से यात्रा में 30 मिनट की बचत शुरू हो चुकी है। इसका फायदा भविष्य में डिमांड के मुताबिक अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन में मिल सकता है। बिहार में चुनाव हो रहे हैं और इस अतिव्यस्त रेल मार्ग को बेहतर बनाने के काम को पूरा करने का मौका रेलवे को लॉकडाउन के दौरान मिला। यात्री सेवाएं ठप थीं, तो ईस्ट-सेंट्रल रेलवे ने तीन अलग-अलग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के संसाधनों को इस ट्रैक को उन्नत करने के काम पर लगा दिया। रेल अधिकारियों के मुताबिक वैसे तो कई तरह के अपग्रेडेशन का काम पहले से चरणों में चल रहा था, लेकिन पिछले सात महीनों में उसमें और तेजी लाकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का बेहतर मौका मिला।
अभी जितनी भी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, उसमें से ज्यादातर में इस सुधार का असर दिखाई पड़ने लगा है। मसलन, राजगीर से नई दिल्ली तक चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस को अब पटना जंक्शन से चलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचने में 2.30 घंटे का ही वक्त लग रहा है। पहले कम से कम 3 से 3.30 घंटे या उससे भी कहीं ज्यादा समय लगता था। बदलाव मेन लाइन में ही नहीं, दिल्ली-हावड़ा ग्रैंड कॉर्ड लाइन में भी नजर आ रहा है। रेल अधिकारियों का कहना है कि पुरी से चलकर गया के रास्ते दिल्ली तक जाने वाली पुरुषोत्म एक्सप्रेस अब झारखंड के कोडरमा स्टेशन पर अपने निर्धारित वक्त से 40 मिटने पहले पहुंच जा रही है। इसके आगे गया वह 20 मिनट पहले पहुंच रही हैं और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तय समय से आधे घंटे पहले पहुंच रही है।
वैसे एक समस्या अब ये आ रही है कि रेलवे ट्रैक अपग्रेड होने और ट्रेनों की स्पीड बढ़ने के चलते वह कई स्टेशनों पर वक्त से काफी पहले तो पहुंच जा रही हैं, लेकिन समय-सारणी अपग्रेड नहीं होने के चलते उन्हें संबंधित स्टेशनों पर यूं ही खड़े रहना पड़ता है। रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने के साथ-साथ सिंग्नल सिस्टम भी बेहतर किए गए हैं। रेलवे की स्पीड बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि, 'जुलाई और अगस्त में हमें कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी से सभी Linke Hofmann Busch (LHB) कोचों को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की मंजूरी मिली। इससे पहले, यह सिर्फ एसी कोचों के लिए उपलब्ध थी। इसका मतलब ये हुआ कि स्लीपर, जनरल जैसे सभी क्लास वाले ट्रेनें भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार पर चल सकती हैं, सिर्फ उन्हें एलएचबी वरायटी का होना चाहिए।'