क्या रेलवे ने किसान आंदोलन के बीच सिर्फ सिखों को भेजें PM मोदी के कल्याणकारी योजना के ईमेल, IRCTC ने दिया जवाब
क्या रेलवे ने किसान आंदोलन के बीच सिर्फ सिखों को भेजें PM मोदी के कल्याणकारी योजना के ईमेल, IRCTC ने दिया जवाब
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच कई मीडिया खबरों में ये दावा किया जा रहा था कि भारतीय रेलवे की पीएसयू इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) से अपने 1.90 करोड़ ग्राहकों को एक ईमेल भेजा है। खबरों में दावा किया गया था कि इस ईमेल में सिख समुदाय के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई थी। (PM Modi relationship with Sikhs) रिपोर्ट के मुताबिक से 8 से 12 दिसंबर के बीच IRCTC करीब 1.90 करोड़ ग्राहकों को ईमेल भेजे थे। सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से फैलने के बाद IRCTC ने इसपर अपना अधिकारिक जवाब दिया है। भारतीय रेलवे ने कहा है कि उन्होंने ईमेल किसी खास समुदाय को नहीं किया है। उन्होंने ये मेल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सभी को किया है।
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आईआरसीटीसी (IRCTC) ने अपने अधिकारिक जवाब में कहा, मीडिया के एक हिस्से में एक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि सरकार आईआरसीटीसी ईमेल के माध्यम से सिखों तक अपनी बात पहुंचा रही है। लेकिन हम ये सभी को सूचित करना चाहते हैं कि किसी भी विशेष समुदाय को कोई भी खास तरह का मेल नहीं भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट में आईआरसीटीसी की टिप्पणियों को सही ढंग से उद्धृत नहीं किया गया है।
IRCTC ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी, IRCTC द्वारा जनहित में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की गतिविधियां की गई हैं।
जानें क्या है पूरा माजरा?
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 से 12 दिसंबर तक इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन, (IRCTC) रेलवे PSU ने अपने ग्राहकों को 47-पेज की बुकलेट - 'पीएम मोदी और उनकी सरकार के सिखों के साथ विशेष संबंध' को लेकर एक ईमेल किया। इस बुकलेट में मोदी सरकार द्वारा सिख समुदायों के लिए गए 13 फैसलों के बारे में जानकारी दी गई थी।
बुकलेट हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में हैं। अधिकारियों ने कहा कि ईमेल 12 दिसंबर को बंद कर दिए गए थे, जिन्हें आईआरसीटीसी के पूरे डेटाबेस में भेजा गया था।
रेलवे ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि ईमेल सिर्फ सिख समुदाय के केवल सदस्यों को भेजे गए थे। आईआरसीटीसी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "सभी को मेल भेजे गए हैं, चाहे किसी भी विशेष समुदाय के हों। यह पहली घटना नहीं है। पहले भी आईआरसीटीसी द्वारा सार्वजनिक हित में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की गतिविधियां की गई हैं।"