Indian Railways:RuPay कार्ड से डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की रफ्तार बढ़ाने की क्या है तैयारी
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के मुताबिक डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। देश के सबसे बड़े नेशनल ट्रांसपोर्टर ने अपने 12.54 लाख कर्मचारियों को सलाह दी है कि वो अपने डेबिट और एटीएम कार्ड से रूपे-पावर्ड कार्ड की ओर शिफ्ट हो जाएं। रेलवे देश का सबसे बड़ा एम्पलॉयर है और उसके इस कदम से भारत में डिजिटल पेमेंट की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आने की संभावना है। इसके साथ ही वीजा,मेस्ट्रो और मास्टरकार्ड गेटवेज को इससे बड़ी चपत लगने की भी संभावना है। गौरतलब है कि रूपे कार्ड देश का पहला ऐसा ग्लोबल कार्ड पेमेंट मोड है, जो ज्यादातर एटीएम, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और पीओएस मशीनों स्वीकार किया जाता है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बनाया है, जो कि देश भर में डिजिटल रिटेल पेमेंट की सुविधा मुहैया करवाता है।
रेलवे का आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी पहल
रेलवे अपने कर्मचारियों के सैलरी एकाउंट में सालाना 1,54,214 करोड़ रुपये वेतन के रूप में डालता है। इतनी बड़ी रकम के ट्रांजैक्शन के लिए अगर रेल कर्मचारी रूपे-पावर्ड कार्ड का इस्तेमाल करेंगे तो वह इस क्षेत्र के कई प्रतिद्वंदियों को बड़ा झटका दे सकता है। इसलिए इस कदम को पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया अभियानों को गति देने वाला कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि रूपे कार्ड देश का पहला ऐसा ग्लोबल कार्ड पेमेंट मोड है, जो ज्यादातर एटीएम, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और पीओएस मशीनों स्वीकार किया जाता है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बनाया है, जो कि देश भर में डिजिटल रिटेल पेमेंट की सुविधा मुहैया करवाता है। दरअसल, केंद्र सरकार हर स्तर पर दूसरों पर निर्भरता खत्म करना चाहती है।
रेलवे बोर्ड ने एसबीआई को दिए निर्देश
रेलवे बोर्ड ने हाल ही में अपने सभी जेनरल मैनेजरों और इसके प्रोडक्शन यूनिट के संचालकों को बताया है कि उसने एसबीआई से कहा है कि वह मौजूदा इंप्रेस्ट कार्ड को एसबीआई रूपे कार्ड में बदल दे। भारतीय रेल के इस कदम को वित्त मंत्राल के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर और कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंस्ट की मंजूरी प्राप्त है, जिसका मकसद रूपे कार्ड को बढ़ावा देना है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर फाइनेंस एकाउंट्स संजीव शर्मा ने कहा है,' इस अवसर को देखते हुए सभी अधिकारियों कर्मचारियों को सलाह दी जा सकती है कि वह अपने सैलरी एकाउंट से संबंधित डेबिट और एटीएम कार्ड को रूपे आधारित कार्ड में बदलाव करवा लें।'
वीजा,मेस्ट्रो और मास्टरकार्ड गेटवेज को झटका
अभी रेलवे के कर्मचारियों का एसबीआई सैलरी एकाउंड वाला डेबिट या एटीएम कार्ड आमतौर पर वीजा,मैस्ट्रो और मास्टरकार्ड गेटवेज से ही जुड़ा हुआ है। इसका मतलब ये है कि अब 12.54 लाख ऐसे कार्ड रूपे कार्ड में बदले जाएंगे। रेलवे के अधिकारी के मुताबिक रेलवे के नोट में कहा गया 'भारत सरकार के रूपे कार्ड पर जोर को देखते हुए यह जरूरी है कि एसबीआई इंप्रेस्ट कार्ड को एसबीआई रूपे इंप्रेस्ट कार्ड में जल्द से जल्द बदला जाए। रेलवे को भी सलाह दी गई है कि वह नए सिस्टम से जुड़ने के लिए तैयार रहे। कृप्या इसे प्राथमकिता दी जाए और उठाए गए कदम का फीडबैक जल्द दिया जाए.....'
'लोकल पर वोकल' पर सरकार का फोकस
बता दें कि पिछले से रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रूपे प्लेटफॉरम पर आईआरसीटी और एसबीआई के दो-ब्रांड वाला क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया था। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रूपे कार्ड प्लेटफॉर्म वाला डेबिट और एटीएम कार्ड केंद्र के 2 लाख रुपये के इंश्योरेंस कवर के ऑफर के साथ सभी एकाउंड होल्डर्स को दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मोदी सरकार लगातार 'लोकल पर वोकल' को बढ़ावा देने के प्रयासों में जुटी हुई है। केंद्र की बीजेपी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे की दिशा में बढ़ाने की दिशा में कदम उठाना चाहती है। सरकार की नीति का अनुमान शनिवार को नीति आयोग की छठी बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी दे दिया है। उन्होंने कहा है, 'सरकार के रूप में प्राइवेट सेक्टर को आमत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा बनने का अवसर देना होगा।'
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