Indian Railways:स्पेशल किसान रेल सेवा शुक्रवार से बिहार-महाराष्ट्र के बीच होगी शुरू, इन स्टेशनों पर रुकेगी
नई दिल्ली- शुक्रवार यानि 7 अगस्त से भारतीय रेलवे एक और बड़ा काम शुरू करने जा रहा है। इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस 'किसान रेल' सेवा को शुरू करने का ऐलान किया था, वह पहली ट्रेन शुरू होने वाली है। इस ट्रेन के जरिए किसान मूल रूप से अपने जल्द खराब होने वाले कच्चे कृषि उत्पाद फौरन पार्सल ट्रेन के जरिए देश के एक भाग से दूसरे भाग में भेज सकेंगे। मोदी सरकार इस ट्रेन को किसान के हितों और उनकी आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ शुरू कर रही है, इसलिए उम्मीद है कि यह ट्रेन समय की पूरी पाबंद रहेगी और इसमें लदा कोई कच्चा माल उपभोक्ताओं तक सुरक्षित पहुंच सकेगा। पहली ट्रेन महाराष्ट्र और बिहार के बीच शुरू हो रही है।
किसान रेल से किसानों को राहत
भारतीय रेलवे किसानों को राहत दिलाने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाने जा रहा है। शुक्रवार यानि 7 अगस्त से देश में पहली स्पेशल किसान रेल सेवा शुरू हो रही है। पहली किसान ट्रेन शुक्रवार सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली रेलवे स्टेशन से बिहार में पटना के पास दानापुर रेलवे स्टेशन के लिए रवाना होगी। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन अगले दिन शाम के 6.45 बजे दानापुर स्टेशन पहुंचेगी। इस तरह से 1,519 किलोमीटर की यात्रा के लिए यह ट्रेन कुल 31 घंटे 45 मिनट का वक्त लेगी। फिलहाल ये ट्रेन हफ्ते में दो बार चलेगी। इसे ट्रेन में कुल 10 पार्सल वैन और एक लगेज या ब्रेक वैन होगा। इस ट्रेन की शुरुआत से किसानों के कच्चे उत्पाद मसलन, सब्जियां और फल उपभोक्ताओं तक कम से कम समय में पहुंच जाने की उम्मीद है।
इन स्टेशनों पर रुकेगी 'किसान रेल'
भारतीय रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक सेंट्रल रेलवे का भुसावल डिविजन मुख्य रूप से कृषि-आधारित डिविजन है। महाराष्ट्र के नासिक और उसके आसपास के इलाके फल, सब्जियां, फूल, प्याज, जल्द खराब होने वाले दूसरे कृषि उत्पादों के अलावा बाकी कृषि उत्पादों का भी बहुत बड़ा उत्पादक है। यहां पर बड़े पैमाने पर उत्पादित होने वाले इन जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की सप्लाई मुख्य रूप से इलाहाबाद, पटना, सतना और कटनी तक होती है। अब इन जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों को उत्पादकों तक जल्द पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ही इस किसान स्पेशल पार्सल ट्रेन की शुरुआत की जा रही है, जो नासिक रोड, जलगांव, मनमाड, भुसावल, बुरहानपुर, इटारसी, खंडवा, जबलपुर, सतना, कटनी, प्रयागराज, चेओकी, मानिकपुर,पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर रुकेगी।
इस साल बजट में हुआ था ऐलान
रेलवे के मुताबिक इस ट्रेन को लेकर स्थानीय किसानों, लोडर्स, एपीएमसी और बाकी लोगों के बीच खूब मार्केटिंग की गई है। इसके अलाना प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के जरिए भी खूब प्रचार किया गया है। रेलवे ने यह भी कहा कि इन सभी की मांगों को एकत्रित किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस ट्रेन के संचालन में रेलवे कोई कोताही नहीं बरतेगा और इसमें बिना वजह देर नहीं होगी। माना जा रहा है कि किसानों के लिए यह रेलवे बहुत ही फायदेमंद हो सकती है। इसका भाड़ा पी स्केल या प्रीमियम पार्सल सर्विस के हिसाब से तय होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी साल वर्ष 2020-21 के बजट में किसान रेल का प्रस्ताव दिया था।