श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के बारे में अब रेलवे ने राज्यों से कही ये बात
नई दिल्ली- भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह आगे भी उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेनें मुहैया करवाता रहेगा। ये जानकारी रेल मंत्रालय ने दी है। रेल मंत्रालय के मुताबिक रेलवे ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह राज्यों की ओर से मांग प्राप्त होने के 24 घंटों के अंदर उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध करवा देगा। बता दें कि भारतीय रेलवे पिछले 1 मई से ही देशभर में कोविड लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजूदरों और बाकी जरूरतमंदों को उनके गृहराज्यों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है और अबतक तकरीबन ऐसी साढ़े चार हजार ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।
रेल मंत्रालय ने कहा है कि 'भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों को सूचित कर दिया है कि वह राज्यों से प्राप्त मांगों के 24 घंटों के अंदर ही श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुहैया करवाने का काम जारी रखेगा।' बता दें कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद से जिस तरह से आर्थिक गतिविधियां बढ़नी शुरू हुई हैं, इस तरह की ट्रेनों की मांगों में भारी कमी देखी जा रही है। लेकिन, अभी भी देशभर में ऐसे लोग हैं, जो अपने राज्यों की ओर वापस जाना चाहते हैं और उनको देखते हुए रेलवे अभी भी इस ट्रेन का संचालन कर रहा है। आज ही सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के अंदर उनके राज्यों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
आपको बता दें कि रेल मंत्रालय के मुताबिक आज की तारीख तक देशभर में कुल 4,347 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं और इनके माध्यम से तकरीबन 60 लाख लोगों को उनके गंतव्य राज्यों तक पहुंचाया जा चुका है। इस तरह की ट्रेनें मजदूर दिवस यानि 1 मई से ही चलाई जा रही हैं। इस दौरान पिछले हफ्ते तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कम से कम 37 बच्चों की किलकारियां भी गूंज चुकी हैं। हालांकि, रेलवे ने लोगों को सलाह दी हुई है कि गर्भवती महिलाएं फिलहाल यात्रा से बचें, लेकिन फिर भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में रेलवे के डॉक्टरों, बाकी स्टाफ और सहयात्रियों की मदद से इतने बच्चों की सुरक्षित डिलीवरी करवाई गई है। कई गर्भवती महिलाओं को तो प्रसव पीड़ा होने पर ट्रेने रोककर उन्हें पास के अस्पतालों में भी दाखिल करवाया गया है।
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