Indian Railways ने IRSDC को बंद किया, क्या होगा इसका असर ? जानिए
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर: रेलवे बोर्ड ने वित्त मंत्रालय की सिफारिशों के मुताबिक एक से ज्यादा संगठनों के विलय या उसे जोनल मुख्यालयों को सौपने की योजना के तहत करीब डेढ़ महीने के भीतर दूसरा बड़ा कदम उठाया है। इसने इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) को बंद करने का फैसला कर लिया है, जिसे करीब एक दशक पहले देशभर के रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के मकसद से गठित किया गया था। रेलवे की पाइपलाइन में ऐसे कुछ और संगठन हैं, जिसे आने वाले दिनों में या तो विलय किया जा सकता है या उनका शटर गिराकर रेलवे खुद अपने हाथों में ले सकता है।
रेलवे ने आईआरएसडीसी को बंद किया
भारतीय रेलवे को सही आकार देने की कोशिशों के तहत रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी करते हुए इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) को बंद कर दिया है। इसका गठन देशभर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए किया गया था। बीते करीब डेढ़ महीने के भीतर रेल मंत्रालय के अधीन आने वाला यह दूसरा संगठन है, जिसका इस तरह से शटर गिराने का फैसला किया गया है। इससे पहले 7 सितंबर, 2021 को इंडियन रेलवे ऑर्गेनाइजेशन फॉर अल्टरनेटिव फ्यूल (आईआरओएएफ) को बंद कर दिया गया था।
रेलवे जोन संभालेंगे आईआरएसडीसी का काम
दरअसल, वित्त मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में सरकारी संगठनों की रेशनलाइजेशन की सिफारिश की है, जिसके तहत या तो ऐसे संगठनों को बंद किया जाना है या फिर अलग-अलग मंत्रालयों के संगठनों को आपस में विलय कर देना है। रेलवे बोर्ड का यह कदम उन्हीं सिफारिशों से जुड़ा लग रहा है। सोमवार को रेलवे बोर्ड की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन स्टेशनों को आईआरएसडीसी मैनेज कर रहा है, उसे अब संबंधित रेलवे जोन संभालेंगे और कॉर्पोरेशन अपने प्रोजेक्ट से संबंधित सारे दस्तावेज उसे सौंप देगा ताकि विकास का काम आगे भी जारी रह सके।
कई बड़े प्रोजेक्ट को हाथ में लेने की थी तैयारी
आईआरएसडीसी को मार्च, 2012 में स्थापित किया गया था और उसके पास स्टेशनों के पुनर्विकास के जो कई सारे प्रोजेक्ट थे, उसमें मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की बोली प्रक्रिया भी शामिल है। आईआरएसडीसी ने हाल ही में चंडीगढ़ और केएसआर बेंगलुरु रेलवे स्टेशनों पर 'रेल आर्केड' की स्थापना के लिए भी बोलियां आमंत्रित की थीं। इसने पूरे दक्षिण भारत में 90 रेलवे स्टेशनों के फैसिलिटी मैनेजमेंट को हाथ में लेने की योजना की भी घोषणा की थी।
आगे रेलवे के इन संगठनों का हो सकता है विलय
प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के विलय की सिफारिश भी शामिल है। यह रेलवे के बुनियादी ढांचे के निर्माण और विस्तार से संबंधित परियोजनाओं को लागू करता है। इसका इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (आईआरसीओएन) के साथ विलय करने की सिफारिश की गई है, जो कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक स्पेशलाइज्ड संगठन है।
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आईआरओएएफ पहले कर दिया गया बंद
जहां तक पहले बंद हुए इंडियन रेलवे ऑर्गेनाइजेशन फॉर अल्टरनेटिव फ्यूल (आईआरओएएफ) की बात है तो यह भारतीय रेलवे का ग्रीन फ्यूल विंग था, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसे विशेष रूप से रेलवे नेटवर्क में वैकल्पिक ऊर्जा, ईंधन कुशल और उत्सर्जन-नियंत्रण प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करके हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गठित किया गया था। इसके सोलर पॉवर और हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रोजेक्ट को नॉर्दर्न रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर को सौंप दिया गया था।