पहले से कहीं ज्यादा सुगम और सुरक्षित हुई भारतीय रेलवे, देखें आंकड़े
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारतीय रेलवे को पहले से कहीं ज्यादा सरल और सुगम बनाने में अहम योगदान दिया है। भारतीय रेलवे में दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है। साल 2014 में हुई दुर्घटनाओं की तुलना में वर्ष 2017-18 में 62 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। 2013-14 में कुल 118 रेल एक्सिडेंट हुए थे जबकि 2017-18 में मात्र 73 दुर्घटनाएं हुई हैं। यही नहीं पुराने ट्रैक के रिप्लेसमेंट और उसके मेंटेनेंस में भी 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। साल 2017-18 में 4,405 किमी ट्रेक का निर्माण किया गया है जबकि साल 2013-14 में 2,226 किमी ट्रैक का नवीनीकरण हुआ था।
इसके अलावा, रेलवे ने 14 प्रमुख ट्रेनों के रनिंग टाइम को भी कम कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी से हावड़ा- पटना और दिल्ली-अमृतसर शताब्दी समेत राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं, इनमें से अधिकतर ट्रेने भीड़ वाले रूट पर चलती हैं। अक्टूबर 2016 में राजधानी ट्रेनों और शताब्दी ट्रेनों समेत कुल 350 मेल - एक्सप्रेस और 74 सुपरफास्ट ट्रेनें निर्धारित समय से 5-25 मिनट पहले स्टेशन तक पहुंची हुई थी।बता दें कि इस साल रेलवे ने अपनी अखिल भारतीय रेलवे समय सारणी को 15 अगस्त 2018 से जारी किया था। जिसे की TRAINS AT A GLANCE (TAG) नाम दिया गया है।
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इसके अलावा रेलवे के सभी 17 जोनल ने भी अपने टाइम टेबल जारी किए हैं। जिसमें पांच सभी जोनल टाइम है जिसमें 3-4 क्षेत्रीय रेलवे जोन शामिल हैं। वर्ष 2017-18 में, 90 नई रेल सेवाओं की शुरूआत की गई, जबकि 43 सेवाओं की संख्या बढ़ा दी गई और 9 सेवाओं की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ा दी गई है। चालू वर्ष में 15 अगस्त 2018 तक, 35 सेवाओं की संख्या पहले ही पेश की जा चुकी है, जबकि 28 सेवाओं की संख्या बढ़ा दी गई हैं और 5 सेवाओं की फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी की गई है।
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