Indian Railways: यात्री ट्रेनों को लेकर बड़ा फैसला, मोदी सरकार ने किया ये ऐलान
नई दिल्ली। कोरोना काल में देशभर में सिर्फ कुछ विशेष ट्रेनों के परिचालने को अनुमति है, जबकि अभी भी नियमित यात्री ट्रेनों पर प्रतिबंध जारी है। भारतीय रेलवे की तरफ से जून में ऐलान किया गया था कि 12 अगस्त तक नियमित यात्री ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी, अब भारत सरकार ने इस फैसले को और आगे तक बढ़ा दिया है। केंद्र की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि कोविड-19 मामलों के प्रसार के चलते नियमित यात्री और उपनगरीय ट्रेन सेवाएं निलंबित रहेंगी।
चलती रहेंगी स्पेशल ट्रेनें
हालांकि वर्तमान में चलाई जा रही 250 कोरोना स्पेशल ट्रेनों का परिचालन पहले की तरह ही जारी रही रहेगा। वहीं, देश में सबसे बड़े कोरोना प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुंबई में लोकल ट्रेनों को चलाने के लिए मोदी सरकार ने कहा है कि केवल राज्य सरकार की आवश्यकता के अनुसार ही मुंबई में सीमित लोकल ट्रेनें चलेंगी। बता दें कि लॉकडाउन में चल रहीं कई स्पेशल ट्रेनों के समय में भारतीय रेलवे ने बदलाव किए हैं।
टिकट बुकिंग के लिए 120 दिन करना होगा आवेदन
जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अब कुछ स्पेशल ट्रनों को रोजाना न चलाकर सप्ताह में एक दिन चलाने की अनुमति दी गई है। देशभर में चलाई जा रही 250 ट्रेनों में टिकट बुकिंग के लिए 120 दिन पहले ही आवेदन करना होता है। इसके अलावा रेलवे ने यात्रा को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है। इस बीच रेल मंत्रालय ने ट्रेनों के टाइम टेबल में भी कई बदलाव किए हैं, इससे पहले 8 राजधानी स्पेशल ट्रेनों के टाइम बदले थे।
ट्रेनों में सफर के लिए QR कोड अनिवार्य
भारतीय रेलवे ने कोरोना काल में जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों की आवाजाही के लिए मुंबई लोकल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया। मुंबई लोकल की चुनिंदा ट्रेनों को ही पटरियों पर उतारा गया है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही सफर करने की छूट मिली है। वहीं अब तक से मुबंई लोकल ट्रेनों में सफर के लिए क्यूआर कोड को अनिवार्य कर दिया गया है।
44 वंदे भारत ट्रेनों को जल्द पटरी पर दौड़ाने की तैयारी
गौरतलब है कि पिछले साल 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े ही उत्साह के देश की पहली बिना इंजन वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन 18) को हरी झंडी दिखाई थी। वह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणासी के बीच चलाई गई थी। उसी वंदे भारत एक्सप्रेस की एक और सेट नई दिल्ली और कटरा के बीच शुरू की गई। अब देश में उसी तरह की और 44 वंदे भारत ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी चल रही है। पहली दोनों ट्रेन चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार हुई थी।
चाइनीज कंपनी को निकलना पड़ सकता है टेंडर से बाहर
हाल ही में चीन की सरकारी कंपनी सीआरआरसी कॉर्पोरेशन रेलवे के इन सेमी-हाई स्पीड 'ट्रेन 18' प्रोजेक्ट के ग्लोबल टेंडर के लिए बोली लगाने वाली अकेली विदेशी कपनी बनकर उभरी थी। यह कंपनी गुरुग्राम की एक कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर में सीआआरसी पायनीयर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बोली प्रक्रिया में उतरी थी। लेकिन, लगता है कि चीन के खिलाफ माहौल के चलते इस कंपनी को इस प्रक्रिया से अलग होना पड़ेगा। यह कंपनी 44 वंदे भारत ट्रेनों के प्रोपल्सन सिस्टम (ट्रेन को चलाने वाले सिस्टम) या इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन किट्स के लिए बोली लगाने वाली 6 कंपनियों में से एक है।
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