भारत ने दुनिया को दी पहली सोलर ट्रेन, महिलाओं के लिए ये हैं खास सुविधाएं
नई दिल्ली। सोलर एनर्जी की ट्रेन को दौड़ाने वाला भारत विश्व का पहला मुल्क बन गया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर सोलर एनर्जी की ट्रेन को दिल्ली के सराय रोहिल्ला से रवाना किया। इस क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करते हुए भारत की पहली सोलर एनर्जी ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला से फारूख नगर तक चलेगी। आइए एक नजर डालते हैं विश्व की पहली सोलर एनर्जी ट्रेन पर।
6 कोच और 16 सोलर पैनल
इस सोलर एनर्जी की ट्रेन में अभी सिर्फ 6 कोच है और हर कोच में 16 सोलर पैनल लगाए गए हैं जो दिन में 20 सोलर यूनिट बिजली बनाएंगे जिससे ट्रेन की बैट्रियां चार्ज हो होगी और एनर्जी को स्टोर किया जा सकेगा। इन सोलर पैनल से 20 किलोवॉट की बिजली पैदा की जाएगी। इस ट्रेन में यात्रियों की क्षमता करीब 3000 है । ट्रेन की ड्राइविंग पावर कार के पास महिलाओं एवं दिव्यागों के लिए अलग कंपार्टमेंट्स होंगे।
मेक इन इंडिया के तहत बनकर हुई तैयार
देश की पहली सोलर ट्रेन मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनकर तैयार हुई है। जिसकी कुल लागत 13.54 करोड़ रुपये है। वहीं सोलर पैनल के लिए रेलवे को 54 लाख रुपये का खर्चा आया है। इस ट्रेन को अत्याधुनिक रूप से तैयार किया गया है। गद्देदार सीटों के साथ प्रत्येक कोच में डिस्प्ले बोर्ड लगा है। फिलहाल इस ट्रेन को डेमू के रूप में प्रयोग किया जाएगा। रेलवे लंबी दूरी तय करने के लिए इस प्रोजेक्ट पर लगातार काम कर रहा है।
लाखों लीटर बचेगा डीजल
सोलर ट्रेन के दौड़ने के बाद रेलवे को तो फायदा होगा ही साथ में देश में डीजल को बचाया जा सकेगा। इससे आने वाले 25 सालों में हर ट्रेन से करीब 5.25 लाख लीटर डीजल बचाया जा सकेगा, जिससे प्रति ट्रेन 3 करोड़ रुपये की बचत की जा सकेगी।
बिजली होगी पैदा, प्रदूषण होगा कम
रेलवे के अनुसार सोलर ट्रेन से हर साल 239 टन कार्बन डाईऑक्साइड कम होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 में रेल बजट के दौरान सोलर पावर से अगले पांच साल में 100 मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा था वो अब सफल होता दिखाई दे रहा है।