रेलवे टिकट में मिलने वाली सब्सिडी को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही मोदी सरकार
नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में रेलवे के लिए बड़ा फैसला ले सकती है। रैलवे गैस सिलेंडर के तर्ज पर यात्रियों को भी टिकटों पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने का विकल्प दे सकता है। भारतीय रेवले ने 'गिव इट अप' पॉलिसी के तहत यात्रियों से सब्सिडी छोड़ने की अपील करेगी। इस योजना के तहत रेलवे के सिस्टम को और अधिक आधुनिक किया जाएगा और लोगों के लिए सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया जाएगा। रेल मंत्रालय इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है।
100 दिन के एजेंडे में इस योजना का क्रियान्वयन करना है
दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार की अपनी दूसरी पारी के पहले 100 दिन के एजेंडे में इस योजना का क्रियान्वयन करना है। हालांकि सब्सिडी छोड़ने का अंतिम अधिकार यात्रियों के पास होगा, कि वे सब्सिडी छोड़ते हैं या नहीं। इस योजना के पीछे मुख्य वजह रेलवे के इनकम में वृद्धि करना है, इसलिए रेल मंत्रालय ने आय को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को 100 दिन का एजेंडा दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेलवे टिकटों के जरिए सिर्फ 53 फीसदी ही कमाई होती है। जबकि 47 फीसदी यात्रियों को सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
टिकट खरीदी के दौरान दिया जाएगा ऑप्शन
रेलवे की प्लानिंग के मुताबिक यात्रियों के पास ट्रेन टिकट की खरीद के समय ही यह ऑप्शन दिया जाएगा कि अगर वह चाहे तो सब्सिडी छोड़ सकता है अन्यथा उसकी मर्जी पर निर्भर करेगा। लेकिन दिक्कत ये है कि सब्सिडी छोड़ने पर यात्री पहले से अधिक राशि का भुगतान करना होगा। ऐसे में लोगों को सब्सिडी के लिए राजी कराना है। हालांकि गैस के मामले में सरकार की अपील के बाद काफी संख्या में लोगों ने गैस की सब्सिडी छोड़ी थी जिससे सरकार को काफी फायदा भी हुआ था।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी आई थी स्कीम
कहा जा रहा है कि रेलवे के नीति निर्माताओं ने सब्सिडी छोड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी कर सकती है। उदाहरण के लिए टिकट पर सब्सिडी छोड़ना एक निश्चित टिकट की गारंटी नहीं दे सकता है। अगर ऐसा होता है वो केवल तत्काल के अलावा कुछ नहीं है। हालांकि रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में छूट देती है। लेकिन साल 2017 में रेलवे वरिष्ठ नागरिकों के लिए सब्सिडी छोड़ने के लिए एक योजना शुरू की थी जिस विकल्प का उपयोग 48 लाख यात्रियों ने किया था। इससे रेलवे को 78 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई थी।
दो ट्रेनों के निजीकरण पर रेल मंत्री की संसद में सफाई, बोले अभी कुछ तय नहीं