IOR रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बोले राजनाथ सिंह- 'मित्र देशों को हथियारों की सप्लाई के लिए भारत तैयार'
Indian Ocean Region Defence Minister Conclave: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एयरो इंडिया के 13वें संस्करण का उद्घाटन किया। इसके बाद गुरुवार को वो बेंगलुरु में ही आयोजित हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा इस बार हिंद महासागर में शांति, सुरक्षा और सहयोग में वृद्धि करना था। जिसमें मालदीव, कोमोरोस, ईरान, मेडागास्कर समेत के कई देशों के रक्षा मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही कई देशों के मंत्रियों ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में शिरकत की।
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सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि कई चुनौतियों को आज के सम्मेलन में सामने लाया गया। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत सभी मित्र देशों के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है। अभी सबसे बड़ा लक्ष्य विकास और समृद्धि के हमारे साझा सपने को हकीकत में बदलना है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत का संबंध है, हम हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं। इसके लिए भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल सक्रिय हैं। कई अवसरों पर उन्होंने इसका उदाहण भी पेश किया। वहीं समुद्री लुटेरों के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए विशेष जहाजों की तैनाती की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि विशाल हिंद महासागर 40 से अधिक राज्यों को होस्ट करता है। साथ ही ये ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के पूर्वी तट को भी छूता है। इस बार 28 आईओआर (हिंद महासागर क्षेत्र) देशों में से 25 ने इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया। ये एक साथ काम करने की हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
Aero India शो में चीन पर बरसे राजनाथ सिंह, कहा- अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है भारत
हथियारों
की
आपूर्ति
के
लिए
भारत
तैयार
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
के
मुताबिक
भारत
विभिन्न
प्रकार
के
मिसाइल
सिस्टम,
लाइट
कॉम्बैट
एयरक्रॉफ्ट,
मल्टी-पर्पस
लाइट
ट्रांसपोर्ट
एयरक्रॉफ्ट,
वॉरशिप,
पेट्रोल
वेसल,
आर्टिलरी
गन
सिस्टम,
टैंक,
रडार
आदि
रक्षा
उपकरणों
की
सप्लाई
IOR
देशों
को
करने
के
लिए
तैयार
है।
उन्होंने
कहा
कि
हिंद
महासागर
क्षेत्र
में
भारत
सबसे
बड़ा
देश
है
और
भारत
की
7,500
किलोमीटर
की
विशाल
तट
रेखा
है।
हिंद
महासागर
क्षेत्र
के
सभी
देशों
के
शांतिपूर्ण
और
समृद्ध
सह-अस्तित्व
के
लिए
भारत
को
सक्रिय
भूमिका
निभानी
है।
इसके
अलावा
भारत
ने
पर्यटन
को
भी
बढ़ावा
देने
के
लिए
कई
नीतियां
अपनाई
हैं।