इंडियन नेवी होगी और ज्यादा मजबूत, पनडुब्बयों को मिलेगा एपीआई सिस्टम
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अपनी सभी कल्वरी क्लास सबमरीन को एआईपी सिस्टम से लैस करने जा रही है। इसको लेकर काम शुरू हो गया है। इसके सिस्टम से लैस हो जाने के बाद ये पनडुब्बियां और ज्यादा मारक हो जाएंगी। एआईपी युक्त पनडुब्बियों को हाइ रिस्क एरिया में लंबे समय तक पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया जा सकता है। इसकी वह ये है कि यह तकनीक पनडुब्बियों को समुद्र की सतह पर आए बिना अभियान को अंजाम देने की अवधि बढ़ा देती है जो परमाणु क्षमता से लैस नहीं हैं। इससे ये पनडुब्बियां दुश्मन की रडार में आने से बच जाती हैं।
भारतीय नौसेना की कल्वरी श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए एआईपी टेक्नॉलजी तैयार है। हालांकि पनडुब्बियों में इस तकनीक से पूरी तरह लैस करने में करीब छह साल का समय लगेगा। एआईपी सिस्टम को क्रू एरिया और इंजिन स्पेश के बीच हल एक्सटेंशन में फिट करना होता है। इस सिस्टम से पनडुब्बी की संचालन क्षमता दो हफ्ते तक बढ़ सकती है।
इस सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लार्सन ऐंड टुब्रो की मदद से विकसित किया है। इसे पीएएफसी आधारित टेक्नॉलजी से तैयार किया गया है। इस सिस्टम से बिजली पैदा करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सिजन का इस्तेमाल होता है। लार्सन ऐंड टुब्रो देसी परमाणु क्षमता युक्त पनडुब्बी बनाने में भी जुटी है।
भारतीय नौसेना के बेड़े का सबसे नई पनडुब्बी कल्वरी ही है। कल्वरी मुख्य रूप से फ्रांस की स्कॉर्पियन पनडुब्बियों का ही एक वर्जन है। कल्वरी पड़ोसी पाकिस्तान की नौसेना में शामिल अगोस्टा क्लास की पनडुब्बियों के मुकाबले नई पीढ़ी की है। भारत पड़ोसी चीन और पाकिस्तान से तनाव को देखते हुए सैन्य क्षमता को बढ़ाने पर लगा है। इसको भी इसी कोशिश का एक हिस्सा माना जा रहा है।
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