अब वायुसेना और नौसेना प्रमुखों को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा, ये है बड़ी वजह
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नई दिल्ली। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बढ़े तनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारतीय वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों को जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। इसकी जानकारी सेना के अधिकारियों ने दी है। अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बाद वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बीएस धनोआ और नौसेना प्रमुख सुनील लांबा की सुरक्षा की गहन समीक्षा की गई। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।
शनिवार को दोनों का सुरक्षा घेरा अपग्रेड कर दिया गया
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। अधिकारी ने यह भी कहा कि वायुसेना और नौसेना प्रमुख को मिली उनके संबंधित बलों के कमांडो की सुरक्षा जारी रहेगी। उन्हें केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दूसरे दर्जे की सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी। दिल्ली पुलिस ने इस पर अमल करते हुए शनिवार से दोनों का सुरक्षा घेरा अपग्रेड कर दिया है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें गृह मंत्रालय से कल आदेश मिले हैं कि एअर फोर्स चीफ और नेवी चीफ को आज से ही जेड प्लस सिक्योरिटी मुहैया करायी जाए।
जेड प्लस सुरक्षा में तैनात होते 65 जवान
जेड प्लस सिक्योरिटी को सबसे अधिक मजबूत सुरक्षा कवच माना जाता है। इसमें 55 जवानों के साथ एनएसजी के 10 कमांडो होते हैं। एनएसजी गार्डों को एमपी 5 गन के साथ संचार की अत्यााधुनिक गैजेट्स दिए जाते हैं। सरकार की ओऱ से वायुसेना चीफ और नेवल चीफ की सुरक्षा में बढ़ोत्तरी का फैसला ऐसे वक्त किया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
पुलवामा हमले ने बढ़ाया तनाव
बता दें कि, 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी को आतंकी संगठन जैश के आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक किया, जिसमें भारतीय वायुसेना के 12 मिराज फाइटर प्लेन ने आतंकी कैपों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और करीब 300 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इस हमले में भारतीय वायुसेना ने करीब 1000 किलो बम का इस्तेमाल किया था। इस एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में घुसकर सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने पलटवार किया और उसके एफ-16 को मार गिराया गया। मिग-21 ने पाकिस्तान के एफ16 को मार गिराया। मगर इसमें हमारे विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में चले गए, जिन्हें बाद में शुक्रवार को पाकिस्तान ने भारत को सौंपा।
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