चीन के विरोध के बावजूद भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में तैनात किया युद्धपोत-रिपोर्ट
नई दिल्ली- पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना ने जिस तरह से धोखेबाजी की, उसके बाद भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में उसकी नकेल कसने की तैयारी कर ली थी। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि गलवान की घटना के फौरन बाद भारतीय नौसेना ने ड्रैगन के सख्त ऐतराज के बाद भी अपने जंगी जहाज वहां पर तैनात कर दिए थे और इस मिशन में अमेरिकी नौसेना के साथ उसका पूरा तालमेल था। चीन बार-बार भारत से इस बात को लेकर ऐतराज जता रहा था, लेकिन भारत के डटे रहने से उसकी बेचैनी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी। यही नहीं हिंद महासागर में भी भारतीय नौसेना ने चीन की नेवी पर नजर रखने के लिए अपने युद्धपोतों की अहम ठिकानों पर तैनाती कर दी थी।
Recommended Video
दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना ने तैनात किए युद्धपोत
15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की गुस्ताखियों के बाद भारत ने दक्षिण चीन सागर में चीन की नाखुशी के बावजूद बेहद सख्त कदम उठाते हुए अपने जंगी जहाज भेज दिए थे। बता दें कि लद्दाख के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौरान चीन की ओर से भारत के इन कदमों पर काफी आपत्ति भी जताई गई, लेकिन फिर भी भारत ने अपना युद्धपोत वहां तैनात किए रखा। गौरतलब है कि उस क्षेत्र में चीन 2009 से कृत्रिम द्वीप बनाकर, उसपर अपनी सेना का बेस खड़ा करने के बाद उस इलाके में भारतीय नौसेना के जहाजों की मौजूदगी का विरोध करता है। सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया है कि, 'गलवान घाटी में हिंसक झड़पों के तुंरत बाद, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए थे, भारतीय नौसेना ने अपना एक जंगी जहाज साउथ चाइना सी में तैनात कर दिया था, उस इलाके में जहां पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की नौसेना किसी भी बाहरी सेना की मौजूदगी पर आपत्ति करती है, क्योंकि उस क्षेत्र के ज्यादा हिस्से पर चीन अपना दावा करता है।'
बेहद गोपनीय था भारतीय नौसेना का मिशन
भारतीय नौसेना के इस कदम से चाइनीज नेवी और वहां की सुरक्षा एजेंसियों पर बहुत ही बुरा असर पड़ा और वो बेचैन हो गईं। उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर हुई बातचीत के दौरान भारत को भारतीय युद्धपोत की मौजूदगी को लेकर शिकायतें भी कीं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि दक्षिण चीन सागर में तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना लगातार अमेरिकी नौसेना के साथ सुरक्षित संचार माध्यमों के जरिए संपर्क में थी। बता दें कि अमेरिकी नौसेना ने भी वहां पर अपने विध्वसंक और जंगी बेड़ों को तैनात कर रखा था। जानकारी दी गई है कि इस दौरान भारतीय जंगी जहाज उस इलाके में दूसरे देशों के युद्धपोतों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा था और नौसेना की इस पूरी कार्रवाई को लोगों की नजरों से दूर बहुत ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।
मलक्का जलडमरूमध्य के पास भी निगरानी
लगभग इसी दौरान भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का जलडमरूमध्य के नजदीक भी अपने युद्धपोतों को तैनात कर रखा था, ताकि चीन की नौसेना की हरकतों पर नजर रखी जा सके। क्योंकि, चीनी नौसेना इसी रास्ते हिंद महासागर के क्षेत्र में घुसती है। इसी रास्ते चीन के कई जहाज तेल लेकर वापस भी लौटते हैं और चीन से मालवाहरक जहाज भी दूसरे महादेशों की ओर यात्रा करते हैं। सूत्रों ने बताया है कि भारतीय नौसेना पूर्वी और पश्चिमी किसी भी मोर्चे पर किसी भी दुस्साहस पर नजर रखने और उसका माकूल जवाब देने में सक्षम है।
हर स्थिति से निपटने के लिए भारतीय नौसेना तैयार
सूत्रों के मुताबिक भारतीय नौसेना के पास यह योजना तैयार है कि किसी भी आपात स्थिति में पानी के नीचे के जहाजों, दूसरे मानवरहित सिस्टम और सेंसर को तैनात किया जा सके, ताकि मलक्का जलडमरूमध्य से होकर हिंद महासागर की ओर होने वाले पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी की हरकतों पर नजर रखी जा सके। यही नहीं जीबूती इलाके में मौजूद चाइनीज जहाजों पर भी भारतीय नौसेना की नजर रख रही है और राष्ट्रहित की सुरक्षा के लिए वहां पर भी पुख्ता तैयारी की गई है। (तस्वीरें-फाइल)
इसे भी पढ़ें- पीयूष गोयल ने 9 मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र, बोले- हर प्रोजेक्ट पर है पीएम मोदी की नजर