मीडिया की नजर में 'तेलंगाना' का कल आज और कल...
41 साल बाद सच हुआ तेलंगाना का अलग राज्य बनने का सपना
लेकिन अब भी इस हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए इस हिंसा से मिले जख़्मों को भुलाना बहुत मुश्किल है। बहरहाल एक सकारात्मक नज़रिया यही है कि अतीत को भुला कर अब वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
देश के प्रसिद्ध अखबार हिन्दु का संपादकीय अंश तेलंगाना के एक नए राज्य केरूप में दर्जा पाने को एक ऐतिहासिकअवसर के रूप में देखता है। खैर तेलंगाना के समर्थकों के लिए यह निश्चित तौर पर एक ऐतिहासिक दिन जरूर बन गया आखिर एक दशक से भी लम्बे समय से चला आ रहा उनका यह संघर्ष उनके पक्ष में परिणाम जो लाया है।
लेकिन समस्या अभी खत्म नहीं हुई है. भले ही आज तेलांगना को एक अलग राज्य का दर्जा मिल गया है पर अब केन्द्र सरकार के पास एक बड़ी चुनौती है तेलांगना और आंध्रप्रदेश में संसाधनों का समान रुप से विभाजन कैसे हो? किस प्रकार जनजीवन को खुशहाल बनाया जाए] आखिर अब इस दशा में केन्द्र सरकार इन दोनों राज्यों का विकासात्मक दिशा निर्देशन किस प्रकार करती है यह सवाल नए राजनैतिक संदर्भ में अहम भूमिका रखता है।
इसी विषय में देश के प्रसिद्ध अखबार हिंदुस्तान टाइम्स सहमती जताते हुए कहता है कि अब केन्द्र सरकार को इन दो राज्यों के बीच संसाधनों का निष्पक्ष विभाजन सुनिश्चित करना होगा।
संसाधनों का यह बंटवारा शिक्षा] स्वास्थ्य] बिजली] उद्योग सभी क्षेत्रों को ध्यान में रख कर करना होगा. सरकार का हर निर्णय इस विभाजन पर गहरा असर डालने वाला होगा, ऐसे में कोई भी त्रुटि नकारात्मक परिणामों को जन्म दे सकती है।
बहरहाल इतना तो तय है कि इस विभाजन के बाद इन दोनों राज्यों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी बढ़ गई है क्योंकि अतीत के दृश्यों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार को हर कदम सावधानी से उठाना होगा। हालांकि इसकी शुरूआत पीएम नरेन्द्र मोदी के ट्विट पर दिखायी देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तेलंगाना के नए राज्य के रूप में गठित होने का स्वागत किया। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, "भारत का नया राज्य अस्तित्व में आ गया है। हम तेलंगाना का अपने 29वें राज्य के रूप में स्वागत करते हैं।
तेलंगाना आने वाले वर्षो में हमारी विकास यात्रा को और अधिक मजबूत बनाएगा।" उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को भी बधाई दी। फिलहाल एक कठिन परिश्रम के बाद तेलंगाना का जन्म हुआ है देखते हैं यह न्यू बार्न चाइल्ड अब किस तरह से फूलता-फलता है।
आपलोगों का इस बारे में क्या ख्याल है अपनी राय नीचे के कमेंट बॉक्स में दर्ज करायें।