THE World’s Top 300: 2012 के बाद किसी भारतीय संस्थान को पहली बार नहीं मिली टॉप 300 में जगह
नई दिल्ली। ग्लोबल यूनिवर्सिटी की नई रैंकिंग में शीर्ष 300 विश्वविद्यालयों की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी जगह नहीं बना पाई है। 2012 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि टॉप 300 की इस लिस्ट में भारत के किसी भी यूनिवर्सिटी को जगह नहीं मिल पाई है। हालांकि, ओवरऑल रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले भारतीय यूनिवर्सिटी की संख्या इस बार ज्यादा है।
टॉप 300 में कोई भारतीय यूनिवर्सिटी नहीं
साल 2018 में जहां 49 संस्थानों ने इस सूची में जगह बनाई थी, वहीं इस बार 56 संस्थानों को इसमें जगह मिली है। भारत के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISC) बैंगलोर ने टॉप 350 में जगह बनाई है। पिछले साल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ने टॉप 300 में जगह बनाई थी। लेकिन अबकी इसकी रैंकिंग फिसलकर नीचे आ गई है। भारत के लिए एक अच्छी बात ये है कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, रोपड़ ने पहली बार में ही टॉप 350 में जगह बनाई है।
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टॉप 500 यूनिवर्सिटी में भारत की 6 यूनिवर्सिटीज
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस साल टॉप 500 यूनिवर्सिटी में भारत की 6 यूनिवर्सिटीज को जगह मिली है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिल्लिया समेत कुछ की रैंकिंग में सुधार हुआ है। टाइम्स हायर एजुकेशन की वर्ल्ड रैंकिंग में चीन की Tsinghua यूनिवर्सिटी को 23वां स्थान और पेकिंग को 24वां स्थान हासिल हुआ है।
ग्लोबल रैंकिंग में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पहले स्थान पर
इस ग्लोबल रैंकिंग में भारतीय यूनिवर्सिटीज की संख्या बढ़ने के बाद भारत 5वां ऐसा देश बन गया है जिसकी अधिक से अधिक यूनिवर्सिटीज को रैंकिंग में जगह मिली है। 10 यूनिवर्सिटियों ने पहली बार रैंकिंग में हिस्सा लिया और उसे लिस्ट में जगह मिली है। टीएचई के मुताबिक, आमतौर पर सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान को पढ़ाई के माहौल और उद्योग जगत से उसके छात्रों को मिलने वाले ऑफर के मामले में अपेक्षाकृत बेहतरीन स्कोर मिलता है। ग्लोबल रैंकिंग में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पहला स्थान हासिल किया है। इस साल 92 देशों की कुल 1300 यूनिवर्सिटी ने ग्लोबल रैंकिंग में हिस्सा लिया।