'चुनावी राक्षस' लील गया डेढ़ लाख करोड़ की रकम
यह भी पढ़ें - एक 'अंदाज' ऐसा भी
यह मसला तब और गंभीर हो जाता है, जब तमाम राजनैतिक दल एक-दूसरे पर कालाधन खर्च करने का आरोप मढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं कौन से चुनाव ने लीला कितना करोड़ रुपया -
लोकसभा चुनाव - 30 हजार करोड़
सीएमएस के चेयरमैन एन भास्कर राव कहते हैं ''इस तगड़ी राशि में आधे से ज्यादा ब्लैकमनी का प्रयोग हुआ है। उन्होंने अनुमान लगाते हुए बताया कि इस राशि में से तीस हजार करोड़ मौजूदा लोकसभा चुनाव में खर्च हो चुका है। जानकारी है कि इस राशि का एक तिहाई रुपया राज्य के विधानसभा चुनावों पर खचर् हो चुका है।
पंचायत में - 30 हजार करोड़
करीब तीस हजार करोड़ रुपए पंचायत चुनावों के लिए, बीस हजार करोड़ मंडल चुनावों व पंद्रह हजार करोड़ नगर निगम, व दस हजार करोड़ रुपए का खर्च जिला पंचायत चुनावों में हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका अधिकतर हिस्सा मीडिया प्रचार के हिस्से में भी गया है।
मीडिया पर खर्च कम -
मीडिया पर खर्चा कम होता है, व पंचायतों व रैलियों पर खर्च ना के बराबर होता है। दावा किया गया है कि स्थानीय चुनावों में राजनैतिक दलों का खर्च दस प्रतिशत से कम होता है। जबकि लोकसभा चुनावों में यह 20 प्रतिशत हो जाता है। एक खुलासा यह भी हुआ है कि लोकसभा चुनाव में टिकट-वितरण पर भी अंधाधुंध खर्च होता है, जिसे किसी भी सूरत में सार्वजनिक नहीं किया जाता।