पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य बोले- गहरे संकट की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली। आगामी नई सरकार के समाने सबसे बड़ी कोई चुनौती हो सकती है तो वो है आर्थिक विकास दर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के सदस्य और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के निदेशक रथिन रॉय ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि है कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट की ओर जा रही है और निश्चित रूप से आय के जाल में फंस रहा है। हालांकि वित्त मंत्रालय की मार्च 2019 की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में भी यह बात कही गई थी कि भारत की अर्थव्यवस्था 2018-19 में थोड़ी धीमी हो गई।
रथिन रॉय ने कहा कि मेरे हिसाब से भारत भी ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे धीमी गति के विकासशील देशों की राह पर चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि डर है कि आर्थिक मंदी उसे घेर लेगी। रथिन रॉय ने कहा कि हम एक संरचनात्मक मंदी की ओर से बढ़ रहे हैं। एक तरह से यह शुरुआती चेतावनी है। क्योंकि 1991 के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था निर्यात के आधार पर नहीं बढ़ रही है। बल्कि भारत के टॉप सौ मिलियन (10 करोड़) जनसंख्या के उपभोग पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत के दस करोड़ उपभोक्ता देश के विकास को सशक्त कर रहे हैं। इसका मतलब हम दक्षिण कोरिया नहीं होंगे, चीन जैसा भी नहीं रहेंगे और ब्राजील की तरह बनेंगे।
मध्यम आय जाल आर्थिक विकास की एक सैद्धांतिक स्थिति है, जिसमें एक देश जो एक निश्चित आय प्राप्त करता है (दिए गए फायदे के कारण) उस स्तर पर अटक जाता है। विश्व बैंक सकल राष्ट्रीय उत्पाद वाले 'मध्यम-आय सीमा' वाले देशों के रूप में परिभाषित करता है जो स्थिर (2011) कीमतों पर $ 1,000 से $ 12,000 के बीच बना हुआ है। मतलब साफ है कि हम एक निश्चित आय प्राप्त करने पर लगे हैं और वहीं अटके हुए हैं। जिसकी वजह से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।
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