लद्दाख की पैंगोंग त्सो के फिंगर एरिया में भारत-चीन के बीच 20 दिन में हुई 100 से 200 राउंड फायरिंग
नई
दिल्ली।
नई
दिल्ली।
भारत
और
चीन
के
बीच
पिछले
दो
हफ्तों
में
कई
ऐसी
घटनाएं
हुई
हैं
जिनके
बाद
दोनों
देशों
के
बीच
तनाव
कई
गुना
बढ़
गया
है।
ऐसी
खबरें
आ
रही
हैं
कि
लद्दाख
की
पैंगोंग
त्सो
के
उत्तरी
किनारे
पर
भारत
और
पीपुल्स
लिब्रेशन
आर्मी
(पीएलए)
के
जवानों
के
बीच
करीब
100
से
200
राउंड
फायरिंग
हुई
हैं।
सूत्रों
की
मानें
तो
20
दिन
के
अंदर
दोनों
देशों
के
बीच
तीन
बार
फायरिंग
की
घटनाएं
हुई
हैं।
अभी
तक
पैंगोंग
के
दक्षिणी
किनारे
पर
ही
वॉर्निंग
शॉट्स
के
तौर
पर
फायरिंग
की
बात
कही
जा
रही
थी।
।
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आठ सितंबर को तीसरी बार फायरिंग
अखबार ने एक टॉप अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह घटना झील के उत्तरी हिस्से पर फिंगर एरिया पर हुई है। अधिकारी ने बताया कि दोनों तरफ से जहां पर फिंगर 3 और फिंगर 4 मिलते हैं, वहां पर करीब 100 से 200 राउंड फायरिंग की गई थी। सेना के सूत्रों की तरफ से कहा गया है कि पहली घटना 29 और 30 अगस्त को हुई थी। तीसरी घटना 8 सितंबर यानी मॉस्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली मीटिंग से पहले हुई है। भारत और चीन दोनों ही की तरफ से पिछले दिनों बयान जारी किए गए थे जिसमें सात सितंबर चुशुल सब-सेक्टर में फायरिंग की बात कही गई थी। यह घटना मुखपारी पोस्ट पर हुई थी।
45 साल बाद चली है LAC पर गोली
45 सालों में यह पहला मौका है जब दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर फायरिंग की घटना हुई है। हालांकि अभी तक न तो भारत और न ही चीन की तरफ से आधिकारिक तौर पर फायरिंग की घटना की पुष्टि की गई है। चुशुल के बाद हुए इस घटना को कहीं बड़ा बताया जा रहा है। भारत और चीन के बीच जल्द ही एक और दौर कोर कमांडर वार्ता हो सकती है। अधिकारियों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि जवानों को लगा कि यह छोटी घटना है जिसके बारे में रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं है। अधिकारियों की मानें तो सितंबर माह की शुरुआत में पैंगोंग के उत्तर और दक्षिण में पीएलए के भारी मूवमेंट के बाद क्षेत्र में फायरिंग की कई घटनाएं हुई हैं। कुछ दिनों बाद उन्हें घटना की जानकारी हुई।
फिंगर इलाके में इस समय तनाव चरम पर
29 और 30 अगस्त को पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से में चुशुल सब-सेक्टर में चीन की घुसपैठ की कोशिशों को भारत ने विफल किया था। कई जगहों पर इस समय भारत और चीन के जवान 300 मीटर की दूरी पर हैं। जिस जगह पर फायरिंग हुई बताया जा रहा है वहां पर जवान बस 500 मीटर की दूरी पर हैं। आपको बता दें कि पीएलए जवान इस समय फिंगर 4 की चोटियों पर बैठे हैं। फिंगर 4, फिंगर 8 से आठ किलोमीटर दूर पश्चिम में है। भारत यहां तक एलएसी मानता है लेकिन चीन सिर्फ फिंगर 4 तक ही एलएसी की मान्यता देता है।
लद्दाख में सेना की तैयारियां पूरी
पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अब से कुछ दिनों बाद सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। लद्दाख में सर्दियां बहुत ही मुश्किल होती हैं और ऐसे में जो सैनिक फॉरवर्ड लोकेशंस पर तैनात हैं, उन्हें हर तरह का लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया जा रहा है। इस समय पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत के 50,000 सैनिक तैनात हैं। सर्दियों में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की तरफ से किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई से निबटने के लिए इतने जवानों को वहां पर तैनात रखा जाएगा।