मां को वॉयस मैसेज भेज बताई ये जरूरी बातें और फिर बीच जहाज से गायब हो गए मर्चेंट नेवी कैडेट धनंजय अरोड़ा
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के रहने वाले 21 साल के मर्चेंट नेवी कैडेट धनंजय अरोड़ा मॉरिशस के पास पानी के जहाज से अचानक लापता हो गए हैं। उनके बारे में परिवार को अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। परिवार का कहना है कि धनंजय ने उनसे आखिरी बार 13 सितंबर को फोन पर बात की थी। इस बातचीत में वह डरे हुए लग रहे थे। इसी दौरान उन्होंने रात के समय जहाज से एक अधिकारी की तस्वीर भेजी और कहा कि इसे संभालकर रखना। धनंजय इसी के बाद से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। उनका परिवार पिछले छह दिनों से उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा। उन्हें डर है कि कहीं उनके बेटे के साथ कुछ गलत ना हुआ हो।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मांगी मदद
धनंजय अरोड़ा को ढूंढने के लिए लोग सोशल मीडिया पर ट्वीट कर रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनके परिवार ने ट्वीट के साथ साथ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के कार्यालय को ई-मेल करके भी मदद मांगी है। जिस पानी के जहाज में वह सवार थे, उसपर हांगकांग का झंडा लगा है और वह चीन के निंग्बो की ओर जा रहा था। धनंजय के परिवार को केवल उनके लापता होने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा उन्हें अभी तक कुछ नहीं बताया गया है। धनंजय के परिवार और दोस्त अब सोशल मीडिया पर भारत सरकार के बड़े अधिकारी और नेताओं से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनके एक दोस्त अमन पठान ने कहा है कि अभी तक धनंजय के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है।
तस्वीर की जांच की जाएगी
धनंजय के पिता वीरेंद्र कुमार अरोड़ा को जहाज के कैप्टन की ओर से फोन करके जानकारी दी गई है कि मॉरिशस प्रशासन से नाव भेजने के लिए कहा गया है ताकि धनंजय की तलाश की जा सके। उन्होंने ये भी बताया कि वह चार अधिकारियों की एक टीम के साथ कई बार जहाज में भी धनंजय को ढूंढ चुके हैं लेकिन उन्हें कुछ भी पता नहीं चल सका है। कैप्टन ने ये भी कहा है कि जो तस्वीर लापता होने से पहले धनंजय ने अपने परिवार को भेजी थी, उसकी भी जांच की जाएगी। मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले इस कैप्टन ने कहा कि धनंजय बेहद अच्छे इंसान थे। उन्होंने ये भी कहा कि वह काफी लंबे समय से इस काम को कर रहे हैं लेकिन इस तरह का मामला उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है।
कैप्टन ने कहा- ढूंढने की पूरी कोशिश हो रही
कैप्टन कहते हैं, 'हमने सबकुछ कर लिया, लेकिन पता नहीं लगा कि पाए कि आखिर हुआ क्या था। मैं अब भी इसपर काम कर रहा हूं, हम धनंजय को ढूंढने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। हमने मॉरिशस से हेलिकॉप्टर और विमान तक की मांग की है लेकिन उन्होंने कहा कि वह घटनास्थल से काफी दूर हैं।' उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने दो दिनों में पूरे इलाके में तलाश की है लेकिन वह इस बात से काफी दुखी हैं कि वह धनंजय अरोड़ा को ढूंढ नहीं पा रहे। वह कहते हैं कि वह जितनी कोशिश कर सकते हैं, उतनी कर रहे हैं।
कहीं शिकायत दर्ज नहीं कराई
वहीं वीरेंद्र ने कहा कि उनके बेटे को चीफ अफसर से कुछ परेशानी थी और जैसे ही मैसेज भेजे जाने के बाद ही ये घटना हो गई, इसलिए इसमें जांच करने की जरूरत है। धनंजय के दोस्त पठान कहते हैं, 'हमें ये बताया गया है कि मॉरिशस से चार नाव धनंजय को ढूंढने के लिए निकली हैं लेकिन इस बात की भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। इसके अलावा किसी भी देश में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।' इससे पहले दिल्ली की झिलमिल कलॉनी के रहने वाले वीरेंद्र ने कहा था कि उनका बेटा मॉरिशस के तट से करीब 500 मील दूर शाम 5 बजे के करीब गायब हुआ था। अभी तक उस शिपिंग कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है, जिसमें धनंजय सवार थे।
रात के खाने पर नहीं पहुंचे थे
धनंजय की मां ने कैप्टन से बात करते हुए कहा कि जुलाई में जहाज से जुड़ने वाले एक अधिकारी को लेकर उनके बेटे ने शिकायत की थी। धनंजय का कहना था कि ये अधिकारी उनके साथ गलत व्यवहार किया करता था। वहीं परिवार को 13 सितंबर की आधी रात को बेटे के गायब होने की जानकारी मिली। रात के 9 बजे जहाज में धनंजय की तलाश शुरू हुई थी जब वह रात के खाने के लिए नहीं पहुंचे। ऑन बोर्ड जहाज में जब तीन घंटे तक भी उनका पता नहीं चला तो रात के 12 बजे परिवार को इस बारे में बताया गया। तब कहा कि तलाश की जा रही है लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चला।
एलिगंट मरीन सर्विस प्राइवेट से था करार
वीरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि उनके बेटे का एलिगंट मरीन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से करार हुआ था। जो 9 महीने का था। इसी साल अगस्त में करार समाप्त हो रहा था। लेकिन कोरोना वायरस के कारण करार दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। ये जहाज 30 सितंबर को चीन पहुंचने वाला था। धनंजय ने खुद को परेशान किए जाने की शिकायत बहन को दी थी। साथ ही मां को वॉयस मैसेज भेजकर कहा था कि वह काफी थके हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने वॉयस मैसेज में मां की सेहत को लेकर भी पूछा था। धनंजय ने कहा था कि वह काफी थका महसूस कर रहे हैं और पूरे परिवार को याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सबसे मिलेंगे और सबसे अपना ख्याल रखने को कहा। वह बीते 10 महीने से काम पर थे और कोरोना की वजह से घर भी नहीं आ पाए। वीरेंद्र ने कहा कि उनके बेटे के साथ पहली ट्रिप पर तो कोई दोस्त साथ थे लेकिन दूसरी वाली में वह अकेले कैडेट थे और बाकी सब वरिष्ठ थे। अभी तक ट्विटर पर 40 हजार से अधिक ट्वीट किए जा चुके हैं। जिनमें गृहंमत्री से लेकर विदेश मंत्री तक को टैग किया गया है।