कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में सीरम इंस्टीट्यूट आगे, रोज 500 डोज हो रहे तैयार!
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के फैलने के बाद दुनियाभर में इसकी वैक्सीन तैयार करने को लेकर कोशिशें हो रही हैं। इसके लिए भारत में भी कारोबारी कोशिशों में लगे हुए हैं। इसमें सबसे आगे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया है। ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट के चीफ एग्जिक्यूटिव अदार पूनावाला वैक्सीन तैयार करने को लेकर बड़े दावे कर रहे हैं। संस्थान बड़ी तादाद में वैक्सीन तैयार किए जाने की बात कह रहा है।
भारत के अमीर परिवारों में पूनावाला परिवार
सीरम इंस्टीट्यूट में अप्रैल में ही वैक्सीन का काम शुरू हो गया था। मई की शुरुआत में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट के कोल्ड स्टोर में एक बड़ा स्टील बॉक्स आया था। जो पूरी तरह से सील था। सीरम इंस्टीट्यूट भारत के अमीर परिवारों में शामिल अदारवाला परिवार का संस्थान है। ये संस्थान फिलहाल वैक्सीन की दौड़ में आगे दिख रहा है। सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि वो बड़ी तादाद में वैक्सीन बनाने पर उनका जोर है।
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प्रति मिनट के हिसाब से वैक्सीन के 500 डोज तैयार हो रहे
सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अदार पूनावाला का कहना है कि प्रति मिनट के हिसाब से वैक्सीन के 500 डोज तैयार हो रहे हैं। हालांकि कितनी मात्रा में वैक्सीन तैयार होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। खुद इतनी बड़ी आबादी वाले भारत में वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में पूनावाला भारत और बाकी दुनिया में 50-50 के हिसाब से बंटवारा कर सकते हैं। पूनावाला ने कहा है कि बहुत कम लोग ही इतनी कम कीमत पर कोरोना वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर कर सकते हैं। वह भी इतनी तेजी के साथ। कोरोना वैक्सीन की पहली खेप के लिए मेरे पास देश-विदेश से कई नेताओं के फोन आ रहे हैं। मुझे समझाना पड़ता है कि मैं ऐसे ही आपको वैक्सीन नहीं दे सकता हूं।
साल के आखिर तक मिल सकती है वैक्सीन
सीरम इंस्टिट्यूट कंपनी ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार करने में लगी हुई है। यह वैक्सीन एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की जा रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के भारत में इंसानों पर परीक्षण के लिए भारत सरकार से मंजूरी मांगी है। पूनावाला ने कहा कि मंजूरी मिलते ही हम देश में वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर देंगे। साथ ही बड़ी मात्रा में वैक्सीन बनाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले दावा किया गया था कि अगर सबकुछ सही रहा तो साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।