सेना को मिलेंगे मेड इन रशिया T-90 भीष्म टैंक, पाकिस्तान बॉर्डर पर होंगे तैनात
नई दिल्ली। सेना के पास जल्द एक ऐसी टैंक यूनिट जो किसी भी पल पाकिस्तान को जवाब देने की ताकत रखती होगी। रक्षा मंत्रालय की ओर से रूस में अपग्रेडेड टी-90 टैंक्स भीष्म टैंक्स को खरीदने की मंजूरी दे दी गई है। इन टैंक्स की कीमत करीब 13,448 करोड़ रुपए होगी। भीष्म टैंक, सेना को साल 2022 से 2025 के बीच मिल जाएंगे। जो जानकारी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की ओर से दी गई है उसके मुताबिक इन टैंक को भारत में ही निर्मित किया जाएगा और अवडी हैवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ) में टैंक्स तैयार होंगे।
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दुश्मन के खिलाफ और मजबूत होगी सेना
अवडी हैवी व्हीकल फैक्ट्री, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के तहत आती है। भीष्म टैंक, भारत और रूस के बीख् 1654 टैंकों के लिए हुई एक डील आखिरी हिस्सा हैं। टी-90 टैंकों को विशेषज्ञ, सेना के लिए रीढ़ की हड्डी मानते हैं। एचवीएफ ने साल 2006-2007 में एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इस डील के तहत सेना को रूस के लाइसेंस के तहत साल 2020 तक 1,000 टी-90 टैंक मिलने वाले थे। लेकिन अभी तक सिर्फ 350 से 400 टी-90 टैंक्स ही मिल सके हैं। 1,070 टी-90 टैंक्स के अलावा सेना ने रूस से 2,400 टी-72 टैंक्स भी खरीदे। इसके अलावा सेना के पास 124 अर्जुन टैंक्स भी हैं और इसी 67 आर्मर्ड रेजीमेंट्स हैं।
स्ट्राइक कोर देगी पाकिस्तान को करार जवाब
सेना के लिए यह नई खरीद दुश्मन के खिलाफ न सिर्फ और ताकतवर बनाएगी बल्कि पाकिस्तान से सटे बॉर्डर को और मजबूत कर पाएगी। सेना की स्ट्राइक कोर जिस पर पाकिस्तान को जवाब देने का जिम्मा है उसके पास सात से ज्यादा आर्मर्ड रेजीमेंट्स हैं। इन सभी रेजीमेंट्स को पहले ही T-90 टैंक से लैस किया जा चुका है। रक्षा मंत्रालय अब 20 और आर्मर्ड रेजीमेंट्स से सेना को लैस करना चाहती है। साथ ही रक्षा मंत्रालय की योजना इन 20 रेजीमेंट्स को टी-90 टैंक्स के साथ इसे और ताकत देना चाहती है।
दिन हो या रात कभी भी दुश्मन का खात्मा
रूस की कंपनी रोस्बोरोनएक्सपोर्ट का कहना है कि टी-90 टैंक के पास नया हथियार है और इसमें एक 125एमएम की गन है। इसके अलावा एक एडवांस्ड ऑटोमेटेड डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) है। यह कंट्रोल सिस्टम दुश्मम के किसी भी टैंक और उनके दूसरे हथियारों को सेकेंड्स में खत्म कर सकता है। इसके अलावा टैंक का क्रू न सिर्फ दिन के समय बल्कि रात के समय भी टारगेट का पता लगा सकता है, उनकी पहचान करके उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। टैंक में दी गई एफसीएस क्षमता इस मिशन को पूरा करने में कारगर साबित होगी।