जम्मू कश्मीर: पाकिस्तान की BAT आतंकियों को तलाशने में सेना ने ली क्वॉडकॉप्टर्स की मदद, जानें क्या है क्वॉडकॉप्टर्स
श्रीनगर। रविवार को सेना ने जम्मू कश्मीर के नौगाम सेक्टर में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के एक बड़े आतंकी प्रयास को फेल कर दिया। सेना ने दो पाकिस्तानी घुसपैठियों को भी मार दिया। ये घुसपैठिए बड़े हमले की फिराक से दाखिल हुए थे। ताजा जानकारी की मानें तो सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के शवों को तलाशने के लिए क्वॉडकॉप्टर्स की मदद ली थी। क्वॉडकॉप्टर्स एक प्रकार के ड्रोन होते हैं। सेना की ओर से सोमवार को जारी बयान में इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई है। सेना कि मुताबिक पाकिस्तानी मिलिट्री इन दोनों घुसपैठियों की मदद कर रही थी। घुसपैठियों के पास से भारी क्षमता वाले हथियार भी बरामद हुए हैं।
पाकिस्तान की मिलिट्री कर रही थी मदद
सेना के मुताबिक आतंकियों के पास ऐसे हथियार थे कि उनसे छोटा युद्ध तक लड़ा जा सकता था। घुसपैठिए, एलओसी के पास स्थित घने जंगलों की सहायता से दाखिल होने की फिराक में थे। उन्होंने पाकिस्तान मिलिट्री की तरह कपड़े पहने थे और उनके पास से जो सामान बरामद हुआ है, उस पर पाकिस्तानी मार्किंग थी। कुछ घुसपैठियों ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और इंडियन आर्मी की पुरानी स्टाइल वाली यूनिफॉर्म भी पहनी हुई थी। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'रिकवरी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आतंकी सेना पर बड़े और खतरनाक हमले की कोशिशों में लगे थे।'
क्या होते हैं क्वॉडकॉप्टर्स ड्रोन
क्वॉडकॉप्टर्स छोटे ड्रोन होते हैं। सेना इनका प्रयोग एलओसी और बॉर्डर से सटे इलाकों में सर्विलांस और रेकी के लिए करती है। ये छोटे ड्रोन सेना के लिएा काफी उपयोगी साबित होते आए हैं। साइज में छोटे होने की वजह से ड्रोन आसानी से आतंकी गतिविधियों का पता लगा लेते हैं। पाकिस्तानी सेना हमेशा इस बात को लेकर चौकन्नी रहती है कि उसके मूवमेंट के बारे में जानकारी न मिल सके। ऐसे में ड्रोन काफी कारगर साबित होते हैं। क्वॉडकॉप्टर्स ड्रोन का प्रयोग साल 2000 से काफी तेजी से हो रहा है। इन ड्रोन को तैयार करने में ज्यादा लागत नहीं आती है और इस वजह से इसे प्रयोग करना भी काफी आसान हो जाता है। इन ड्रोन में जीपीएस के अलावा कुछ कैमरा इंस्टॉल होते हैं।
पाक से शव ले जाने का अनुरोध
सेना को मारे गए घुसपैठियों के पास से दो एके-47 राइफल, 480 राउंड का गोला-बारूद, तीन वॉकीटॉकी सेट, दो आईईडी, कैमरा और पेट्रोल बॉटल्स मिली हैं। सेना ने कहा है कि वह पाकिस्तान अथॉरिटीज से अनुरोध करेगी कि मारे गए घुसपैठियों के शव ले जाए। सेना की मानें तो ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की ओर से जिस तरह की मदद इन घुसपैठियों को दी जा रही थी उससे लगता है कि यह पाक सैनिक थे। बॉर्डर एक्शन टीम (बैट), एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से तैनात एक बैट का जिक्र पहली बार वर्ष 2013 में हुआ था।
क्या है बॅार्डर एक्शन टीम
छह जनवरी 2013 को पुंछ में जब सेना के जवान हेमराज का सिर काट कर पाक आतंकी अपने साथ ले गए तो उसके साथ ही बैट के बारे में जानकारियां सामने आईं। बैट दरअसल स्पेशल फोर्सेज और पाकिस्तान के कुछ उच्च स्तर पर प्रशिक्षण हासिल किए हुए आतंकी शामिल होते हैं। इन्हें एलओसी पर एक से किलोमीटर के दायरे में पेट्रोलिंग के लिए लगाया जाता है। पाकिस्तान में एसएसजी यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप की ओर से बैट को तैयार किया जाता है।