लद्दाख में चीन बॉर्डर पर जारी रहेगी 35,000 जवानों की तैनाती, चीन को जवाब देने के लिए रेडी है सेना
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव को तीन माह यानी 90 दिन होने वाले हैं। तनाव कम होने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं और इस बीच भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग की तरफ से आया बयान चीन की मंशा को स्पष्ट कर देता है। अब भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि वह लद्दाख में अतिरिक्त 35,000 जवानों को तैनात रखेगी। सेना के अधिकारियों की तरफ से इस बात की पुष्टि कर दी गई है।
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सेना किसी भी विपरीत स्थिति के लिए रेडी
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की तरफ से बताया गया है कि सीनियर ऑफिसर ने कहा है कि लद्दाख में अतिरिक्त जवानों जिनकी अनुमानित संख्या करीब 35,000 है, तैनात रहेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने भी एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जब तक अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति बहाल नहीं हो जाती है तब तक सेना पीछे नहीं हटेगी। सीनियर ऑफिसर के मुताबिक इस समय लद्दाख में करीब 35,000 अतिरिक्त जवान तैनात हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सेना की तैयारी और गतिविधियां किसी भी विपरीत स्थिति के लिए हैं। जब तक चीनी जवान अपनी क्षमता के साथ मौजूद हैं इंडियन आर्मी को भी तैयार रहना होगा।
राजदूत बोले डिसइंगेजमेंट पूरा
चीनी राजदूत सन विडोंग ने दावा किया है कि लद्दाख में एलएसी ज्यादातर जगहों पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन भारत ने उनके इस दावे को पूरी तरह से नकार दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17A और पैंगोंग त्सो पर अभी तक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। भारत और चीन के बीच पांच मई से टकराव जारी है। सेना के ऑफिसर ने कहा कि सर्दियों के लिए साजो-सामान को तैनात करने की प्रक्रिया जारी है। सेना के अधिकारियों की तरफ से हालांकि यह नहीं बताया गया है कि वास्तव में कितने जवान लद्दाख में आने वाले दिनों में तैनात रहने वाले हैं। सर्दियों में जवानों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।